नई दिल्ली: संसद भवन की कैंटीन में सब्सिडी पूरी तरह ख़त्म कर दी गई है जिसके चलते अब इनमें मिलने वाले व्यंजनों की क़ीमत बढ़ जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, नई दर से हर साल 8 से 10 करोड़ रुपया बचेगा. संसद भवन में खानपान का ज़िम्मा भी अब उत्तर रेलवे की जगह इंडियन टूरिज़्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को दे दिया गया है.
संसद की कैंटीन में सरकारी पैसे पर सस्ता खाना अब नहीं मिल पाएगा. इसकी वजह खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह ख़त्म किया जाना है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बात की जानकारी दी. बिरला ने कहा कि सब्सिडी ख़त्म करने के फ़ैसले का असर खान पान में दामों पर पड़ेगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने ये नहीं बताया कि सब्सिडी ख़त्म होने से कितना पैसा बचेगा. हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ इस फ़ैसले से सालाना 8 से 10 करोड़ रुपए की बचत होगी. बिरला ने ये भी बताया कि संसद में खानपान की जिम्मेदारी उत्तर रेलवे की जगह अब इंडियन टूरिज़्म डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (ITDC) को दे दी गई है. सूत्रों के मुताबिक़, इसी हफ़्ते खाने पीने की नई दरों की सूची जारी कर दी जाएगी.
फ़िलहाल केवल पेय पदार्थों की दरें तय की गई हैं. हालांकि, चाय और कॉफ़ी जैसे पेय पदार्थों के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. अलबत्ता, मेन्यू में कुछ नए पेय पदार्थ ज़रूर जोड़ दिए गए हैं. अदरक चाय और ग्रीन टी जैसे पेय पदार्थ भी जोड़ दिए गए हैं.
अभी तक संसद में खानपान का काम उत्तर रेलवे देखती थी. उत्तर रेलवे की रेट लिस्ट के मुताबिक वेज थाली 30 रुपए में जबकि नॉन वेज थाली 60 रुपए में मिलती थी. वहीं चिकन बिरयानी 65 रुपए में तो फिश करी 40 रुपए में मिलती थी. सूत्रों के मुताबिक़ सब्सिडी ख़त्म होने के बाद नई दर में 20 से 50 फ़ीसदी तक इज़ाफा हो सकता है.
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