नई दिल्ली: चीन से चल रही तनातनी के बीच थलसेना ने मंगलवार को देश के प्राइम स्ट्राइक वेपन, ब्रह्मोस का अंडमान निकोबार में सफल परीक्षण किया. माना जा रहा है कि ये ‘एक्सटेंडेड’ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल थी, जिसकी मारक क्षमता पहले वाली ब्रह्मोस से ज्यादा है. भारत ने ये परीक्षण ऐसे समय में किया है जब फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. हालांकि, मंगलवार को ही फिलीपींस के रक्षा सचिव (मंत्री) ने कहा कि ब्रह्मोस के लिए फंड जुटाना एक टेढ़ी खीर है.


थलसेना की दक्षिणी कमान के मुताबिक, मंगलवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस का ‘टॉप-अटैक कनफिगिरेशन’ में सफल परीक्षण किया गया, जो बंगाल की खाड़ी में पिन-पॉइन्ट एक्युरेसी से अपने टारगेट को भेदने में कामयाब रहा. जानकारी के मुताबिक, इस लैंट-अटैक वर्जन को अंडमान निकोबार में एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर टारगेट किया गया.


सूत्रों की मानें तो इस हफ्ते सेना के तीनों अंग यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना देश के प्राइम स्ट्राइक वेपन का परीक्षण करेंगे. इसी कड़ी में मंगलवार को थलसेना ने ब्रह्मोस की एक्सटेंडेड वर्जन का परीक्षण किया. अभी तक ब्रह्मोस की रेंज करीब 290 किलोमीटर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर करीब 400 किलोमीटर कर दिया गया है. मंगलवार को इसी 400 किलोमीटर रेंज का परीक्षण किया गया था. हालांकि, इस बारे में थलसेना या फिर डीआरडीओ की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी.


इस बीच मंगलवार को ही फिलीपींस के नेशनल डिफेंस डिपार्टमेंट के सचिव, डेलफिन लॉरेन्ज़ाना ने कहा कि भारत से ब्रह्मोस मिसाइल लेने का प्रोग्राम सही दिशा में चल रहा है, लेकिन इसके लिए फंड जुटाना एक बड़ी चुनौती है. आपको बता दें कि फिलीपींस दूसरा ऐसा देश जो ब्रह्मोस को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है. इससे पहले कई साल तक वियतनाम ने भी इच्छा जताई थी. लेकिन किन्ही कारणों से सौदा नहीं हो पाया था.


हाल ही में भारत में रूस के एक राजनयिक ने भी कहा था कि ब्रह्मोस को फिलीपींस को बेचने में रूस को कोई ऐतराज नहीं है. क्योंकि ब्रह्मोस मिसाइल भारत ने रूस की मदद से बनाई है जो दुनिया की चुनिंदा सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है.


भारत ने ब्रह्मोस को अपना प्राइम स्ट्राइक वेपन घोषित किया है जिसे थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ही इस्तेमाल करती हैं. चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एलएसी पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक कर रखी है. साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई लड़ाकू विमान भी एलएसी के करीब एयर-बेस पर तैनात कर रखे हैं.


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