पानी की कमी से जूझने वाले बनासकांठा की ऐसे बदली तकदीर, जानें कैसे बहने लगी दूध की नदियां
किसानों की खुशी और इस नए प्लांट से उम्मीदों को लेकर एबीपी न्यूज ने यहां के किसानों से बातचीत की.
गुजरात के बनासकांठा में बनास डेयरी के एक नए प्लांट का 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. करीबन 600 करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुआ प्लांट बनासकांठा जिले के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात के तौर पर सामने आ रहा है. इसकी वजह यह है बनासकांठा जिले के अब बड़ी संख्या में किसान दूध उत्पादन का काम कर रहे हैं और इस प्लांट के बनने के बाद किसान उम्मीद कर रहे हैं आने वाले दिनों में वो और ज्यादा पशुपालन कर दूध उत्पादन को बढ़ा सकेंगे और जितना भी दूध का उत्पादन होगा वह इस डेरी को बेचकर अच्छी कमाई कर सकेंगे.
बनासकांठा जिले के देवपर गांव की बड़ी संख्या में महिलाएं अब दूध उत्पादन का काम करती हैं. वजह है कि पहले जो दूध का उत्पादन होता था उसकी इतनी खपत नहीं होती थी और दूध खराब हो जाता था. लेकिन जब से बनास डेरी का निर्माण हुआ है उसके बाद से ही यह जितना भी दूध उत्पादन करती हैं वह पूरा खरीद लिया जाता है. इससे इनकी आय भी बढ़ रही है और दूध खराब भी नहीं हो रहा. इसी का नतीजा है कि पहले अगर किसी परिवार में उदाहरण के तौर पर 10 गाय हुआ करती थी तो अब उनकी संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है. ऐसी ही एक महिला किसान है प्रभा बेन जिन्होंने इस दूध उत्पादन से ही अपने पूरे परिवार का खर्चा चलाना शुरू कर दिया है. परिवार के जो ऊपरी खर्चे होते हैं वह भी अब आराम से दूध बेचकर होने वाली कमाई से पूरे हो जाते हैं और ये सिर्फ प्रभा बेन का ही नहीं बल्कि गांव की कमोवेश अधिकतर महिलाओं का मानना है और कहना है.
महिला किसान ही नहीं पुरुष किसान भी अब अपनी पारंपरिक खेती की जगह दूध उत्पादन को ही अपना प्रमुख रोजगार बना चुके हैं. आलम यह है कि कुछ कुछ गांव के 80 फीसदी किसान अब दूध उत्पादन करने लगे हैं. बनास डेरी के नए प्लांट के उद्घाटन की जानकारी मिली तो ये सारे किसान पहुंचे नए प्लांट को देखने के लिए. क्योंकि यह नया प्लांट इन के लिए नई उम्मीद और कमाई के नए अवसर लेकर आया है.
एबीपी न्यूज ने की किसानों से बातचीत
जब इन किसानों की खुशी और नए प्लांट से उम्मीदों को लेकर एबीपी न्यूज ने किसानों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वैसे तो बनास में पहले से ही एक डेयरी प्लांट चल रहा था लेकिन आसपास के इलाकों में जितना दूध का उत्पादन हो रहा था. वह अब उस प्लांट की क्षमता से ज्यादा होने लगा था और इसी वजह से इस इलाके में दूसरे डेरी प्लांट की मांग भी जोर शोर से उठ रही थी. नया डेयरी प्लांट करीबन 600 से 700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है और इस नए डेरी प्लांट में पिछले प्लांट की तुलना में कहीं ज्यादा डेरी प्रोडक्ट तैयार हो सकेंगे.
इन दोनों प्लांट के शुरू होने के बाद फिलहाल मिल रही जानकारी के मुताबिक यह देश ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा डेरी प्लांट बन जाएगा. बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी के मुताबिक तो बनासकांठा जिले में दुनिया में सबसे ज्यादा एक जिले में होने वाला दूध उत्पादन होता है और इस नए प्लांट के बनने के बाद दूध उत्पादन और कई गुना बढ़ जाएगा.
परंपरागत खेती के साथ ही खेती के नए आयामों पर भी ध्यान
शंकर चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से अपील करते रहे हैं कि उनको परंपरागत खेती के साथ ही खेती के नए आयामों पर भी ध्यान देना चाहिए जिसमें डेयरी फार्मिंग भी एक अहम हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के बनासकांठा जिले के लोगों ने प्रधानमंत्री के उस बात को सही करके भी दिखा दिया है। भले ही बनासकांठा जिले में जलस्तर काफी नीचे हो लेकिन खेती के बदले दूध उत्पादन पर ध्यान देकर किसानों ने बनासकांठा को देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादन वाला जिला बना दिया है.
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