Sudan Conflict: अब मिशन सूडान की तैयारी, 3 हजार से अधिक भारतीयों की निकासी है बड़ी चुनौती
Sudan Crisis: सूडान के खार्तूम, ओमदुर्मान और पोर्ट सूडान जैसे शहरों में भारतीय लोगों की बड़ी संख्या है. ऐसे में यहां फंसे भारतीयों को निकालना एक बड़ी चुनौती है.
Indians Stranded in Sudan Violence: उत्तर अफ्रीकी देश सूडान के हालात ने भारत सरकार को नया सिरदर्द दे दिया है. सूडान में छिड़े गृहयुद्ध के बीच हालात लगातार खराब हो रहे है. वहीं इस लड़ाई में तीन हजार से अधिक भारतीयों की सुरक्षा का संकट गहरा गया है. सूडान की राजधानी खार्तूम में भारतीय दूतावास भी भीषण लड़ाई वाले क्षेत्र में फंस गया है. ऐसे में दूतावास के अधिकारियों और स्टाफ को घर से काम करना पड़ रहा है. लड़ाई के कारण जहां बिजली और संपर्क के साधन बहुत कम बचे हैं. वहीं भारतीयों के लिए किसी एयर-लिफ्ट अभियान को अंजाम देना भी बहुत मुश्किल है.
खार्तूम में भारतीय दूतावास पर हमला
इस बीच बुधवार (19 अप्रैल) शाम सूडान स्थित भारतीय दूतावास ने एक सोशल मीडिया पोस्ट डाल कर हड़कंप मचा दिया. इस पोस्ट में कहा गया कि खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास पर भी हमला हुआ है. साथ ही अपील की गई कि सूडान सरकार के जिम्मेदार लोग दूतावास और उसके राजनयिक स्टाफ को सुरक्षा मुहैया कराएं. हालांकि कुछ ही देर बाद इस पोस्ट को हटा लिया गया. साथ ही विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई.
सूत्रों की मानें तो भीषण लड़ाई के इलाके में घिरे होने के कारण इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एयरपोर्ट से करीब भारतीय दूतावास की इमारत को भी नुकसान हुआ हो, लेकिन इसकी तस्दीक के लिए फिलहाल किसी का भी वहां तक जाना मुमकिन नहीं है. साथ ही दूतावास बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड भी भाग चुके हैं.
सूडान के घटनाक्रमों पर नजर रख रहे सूत्रों के मुताबिक, हालात की लगातार निगरानी की जा रही है. साथ ही विभिन्न सरकारों के साथ ही तालमेल और संपर्क भी बना हुआ है. हालांकि कोई एयर-लिफ्ट अभियान भी तभी संभव है जब वहां कुछ सुरक्षित हवाई अड्डे या रास्ता मिल सके. साथ ही इस बात का भी भरोसा हो कि उनका संचालन सुरक्षित हाथों में है. चिंता की बात है कि फिलहाल ऐसी कोई सूरत नजर नहीं आ रही. साथ ही सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच चल रही लड़ाई में नागरिक और सैन्य हवाई अड्डों को भी बहुत नुकसान हुआ है.
सूडान में करीब 4 हज़ार प्रवासी भारतवंशी
सूडान में प्रवासी भारतीयों और भारतवंशियों का आकंड़ा करीब 4 हज़ार का है. इनकी ज्यादातर आबादी खार्तूम में है. साथ ही ओमदुर्मान और पोर्ट सूडान जैसे शहरों में भी भारतीय लोगों की बड़ी संख्या है. ऐसे में अगर निकासी अभियान के लिए कोई रास्ता और टाइम मिल भी जाता है तो लोगों को इकट्ठा करना और सुरक्षित एक जगह तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगा. ध्यान रहे कि गोलीबारी में एक भारतीय की मौत पहले ही सूडान में हो चुकी है.
ऐसे में दूतावास के अधिकारी विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में है. सभी को यह सलाह दी गई है कि बिना कारण दूतावास की तरफ आने का प्रयास न करें और घरों में ही सुरक्षित रहें, लेकिन इतनी तैयारी रखें की कम से कम समय में सुरक्षित स्थान पर जाना हो तो रवाना हो सकें.
इस बीच लड़ाई के कारण बिजली सप्लाई और मोबाइल कनेक्टिविटी में रुकावटें भी हालात को अधिक मुश्किल बना रही है. इस बीच सूडान में फंसे कुछ भारतीय नागरिकों ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि वो अपने घरों में कैद है. हालात इतने ख़राब बने हुए कि किसी और जगह जाना मुश्किल है. वहीं घरों पर हो रहे हमलों की घटनाएं चिंताएं और बढ़ाती है.
सूत्रों के मुताबिक़ अगले चौबीस घंटे मिशन सूडान के लिए अहम है. ऐसे में सरकार की विभिन्न एजेंसियों ने विभिन्न हालात में सूडान से भारतीयों और दूतावास कर्मचारियों की सुरक्षित निकासी की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. ऐसा इसलिए ताकि हालात की खिड़की खुलते ही और सरकार में शीर्ष स्तर पर हरी झंडी मिलते ही आगे बढ़ा जा सके.