(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अचानक खराब हुए मौसम ने बढ़ाई पलायन कर रहे मजदूरों की मुश्किलें
अचानक खराब हुए मौसम ने पलायन कर रहे मजदूरों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है.देश में इस वक्त हजारों लाखों मजदूर सड़कों पर हैं जो पलायन कर रहे हैं.
नई दिल्ली: पलायन कर रहे मजदूरों की दिक्कतें कम होती नहीं दिख रही हैं. मजदूर पलायन करने के लिए इस वजह से मजबूर हैं क्योंकि उनके पास कोई और ठिकाना नहीं है. खाने पीने की दिक्कत हो रही है और रोजगार का कोई भरोसा नहीं है. इस सबके बीच जो मजदूर पलायन करते हुए सड़कों और हाईवे पर निकल चुके हैं उनकी मुश्किल खराब मौसम भी बढ़ा रहा है. दिल्ली एनसीआर में दोपहर होते होते अचानक मौसम खराब हो गया जिसमें फंस गए वह मजदूर जो अपने परिवार के साथ पलायन करने के लिए मजबूर हो गए थे.
मजबूर मजदूर की मुश्किलें बढ़ाता खराब मौसम
देश में इस वक्त हजारों लाखों मजदूर सड़कों पर हैं जो पलायन कर अपने अपने जिलों, कस्बों और गांवों तक पहुंच रहे हैं. लेकिन जब मौसम खराब होता है तो वह किसी मजदूर की मजबूरी नहीं देखता. ऐसा ही कुछ हुआ रविवार दोपहर में जब अचानक मौसम खराब हो गया तेज, आंधी और बारिश शुरू हो गई. इस सब के बीच में फंस गया पंचम लाल का परिवार भी.
पंचम लाल जो नोएडा में अपने परिवार के साथ मजदूरी करते थे लेकिन पिछले कई दिनों से कामकाज बंद हो गया और अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. इस बात का भी पता नहीं कि अब काम कब शुरू होगा और अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर सकेंगे. फिलहाल लॉकडाउन जारी है और अब पंचम लाल के परिवार को दो वक्त की रोटी का भी ठिकाना नहीं है.
इसी वजह से अपने परिवार को लेकर निकल पड़े हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर के लिए. पंचम लाल के परिवार में पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं और साथ ही परिवार के और सदस्य लेकिन पंचम लाल का कहना है कि और कोई ठिकाना भी नहीं है. पिछले 15 दिनों से खाना तक नहीं मिला था लिहाजा यहां रहने का कोई मतलब नहीं और इसी वजह से छोटे-छोटे बच्चों को लेकर खराब मौसम की मार झेलते हुए भी अपने गांव तक पहुंचने की उम्मीद जता रहे हैं.
लॉकडाउन खुलने के बाद भी रोजगार का कोई भरोसा नहीं
पंचम लाल कोई अकेले नहीं है पंचम लाल की तरह है इस वक्त देशभर में सड़कों पर हजारों लाखों मजदूर पलायन कर अपने-अपने गांवों तक जाने के लिए निकले हुए हैं, इसी आस में कि कोई साधन मिल जाए और अपने गांव तक पहुंच जाएं क्योंकि कोरोना महामारी के चलते जिस तरह के हालात बने हुए हैं इस बात का भी कोई भरोसा नहीं कि अगर लॉकडाउन खत्म भी हो गया तब भी रोजगार पहले की तरह मिल पाएगा.
ऐसे में मजबूरी के मारे मजदूर अपने परिवारों के साथ एक लंबे रास्ते पर निकल चुके हैं. वह लंबा रास्ता जिसके बीच में कहीं तेज धूप है, तो कहीं आंधी और पानी. लेकिन इनके पास वापस लौटने की भी कोई ठोस वजह नहीं है इसी वजह से बढ़े जा रहे हैं आगे इसी उम्मीद के सहारे की कैसे भी हो अपने गांवों तक पहुंच जाएं.
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