Bhima Koregaon Case: भीमा कोरेगांव मामले में तीन साल से जेल में बंद एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज (Lawyer-Activist Sudha Bharadwaj) आज सुबह जेल की कैद से रिहा हुईं. कल यानी बुधवार को स्पेशल NIA कोर्ट ने भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद जाति हिंसा मामले में गिरफ्तार सुधा को 50,000 रुपये के कैश बेल बांड पर जमानत दी थी.
बॉड के अलावा भी उन्हें कई शर्तों का पालन करना पड़ेगा. कोर्ट की शर्तों के अनुसार सुधा को मुंबई में ही रहना होगा. इसके अलावा हाजिरी की तारीखों पर उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा. शर्तों के अनुसार वह मीडिया से केस से जुड़ी किसी तरह की बात नहीं कर सकती हैं. इसके साथ उन्हें अपने पासपोर्ट भी जमा करने होंगे.
सुधा भारद्वाज को तीन साल पहले भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद जाति हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक दिसंबर को उन्हें डिफॉल्ट जमानत दे दी थी. हालांकि हाई कोर्ट के इस फैसले को NIA ने चुनौती दी थी.
क्या है मामला?
साल 2018 के जनवरी महीने में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में हिंसा होने से एक शख्स की मौत हो गई थी. जिसके बाद 28 अगस्त 2018 को भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में सुधा को गिरफ़्तार किया गया था. उन पर माओवादियों की मदद करने का आरोप लगाया गया था.