राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुधा मूर्ति ने मंगलवार को संसद में अपनी पहली स्पीच दी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुधा मूर्ति ने कहा, मैं नेता नहीं हूं. मुझे नहीं पता कि कैसे बात करनी है? मुझे राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेट किया गया. मैं उनका धन्यवाद करती हूं और पीएम मोदी का भी धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मेरे नाम का ऐलान 8 मार्च को महिला दिवस पर नारी शक्ति के रूप में किया.  


सुधा मूर्ति इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की सास हैं. उन्होंने कहा, मैंने हमेशा गरीबों के लिए काम किया. मैं हमेशा फील्ड पर रहीं. इसलिए मेरा अनुभव दोनों ओर (सत्ता पक्ष और विपक्ष) से अलग है. सुधा मूर्ति ने मांग की कि कोविड काल में जिस तरह टीकाकरण अभियान चलाया गया था उसी तरह महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाना चाहिए क्योंकि आधी आबादी में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे है.


सुधा मूर्ति ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे बचाव के लिए किशोरावस्था में इसके टीके लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ''हमारी सामाजिक व्यवस्था ऐसी है जिसमें महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पातीं. जब वे अस्पताल पहुंचती हैं तो उनमें सर्वाइकल कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज पर होता है. उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है.'' 


उन्होंने कहा कि उनके पिता कहते थे कि महिलाएं परिवार का केंद्र होती हैं और महिला के निधन के बाद पति को तो दूसरी पत्नी मिल जाती है लेकिन बच्चों को दूसरी मां नहीं मिलती. सुधा मूर्ति ने कहा कि कोविड काल में जब व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया गया तो महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए अभियान क्यों नहीं चलाया जा सकता. अगर सरकार हस्तक्षेप करे तो यह महंगा भी नहीं होगा. इससे बड़ी आबादी को लाभ होगा. 


पर्यटन को लेकर कही ये बात


उन्होंने पर्यटन का जिक्र करते हुए कहा कि लोग अक्सर अजंता, एलोरा, ताजमहल देखने जाते हैं. लेकिन भारत में 42 धरोहर स्थल हैं जिनका न तो अधिक प्रचार प्रसार किया गया है और न ही उनके बारे में लोगों को जानकारी है. यह हमारा देश है और हमें इसकी संस्कृति की जानकारी होनी चाहिए. सुधा मूर्ति ने कहा, दक्षिणी राज्यों में ही कई ऐसे स्थान हैं जिनका बेहद गौरवशाली इतिहास है. त्रिपुरा में उनाकोटी के बारे में कोई नहीं जानता जबकि यह स्थान 12,500 साल से भी अधिक पुराना है. कश्मीर का मुगल गार्डन धरोहर स्थल में शामिल नहीं है. इस ओर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुजरात में लोथल और धौलावीरा, वाराणसी के पास सारनाथ, मध्य प्रदेश में मांडू का किला, कर्नाटक में श्रवण बेलगोला का मंदिर... क्या नहीं है हमारे खूबसूरत देश में. हमें इसका अपेक्षित प्रचार प्रसार करना चाहिए, यहां सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए और इनके बारे में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए.