नई दिल्ली: एनएसए अजित डोवाल ने सोमवार शाम ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउंसिल से जुड़े 20 धर्मगुरुओं से मुलाक़ात की. मीटिंग के दौरान सूफी धर्मगुरुओं ने कट्टरपंथी ताकतों पर चर्चा की और इसे देश की शांति और सौहार्द के लिए खतरा बताया. डेलिगेशन ने एनएसए के सामने इस बात को रखा कि किस तरह सूफी दरगाह शांति और भाईचारा बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. मीटिंग में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं कॉउंसिल के चैयरमेन सईद नसरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार दरगाहों के वेलफेयर के लिए कदम उठाए. क्योकि सूफी ही सबको जोड़ने का काम करते हैं.


डेलीगेशन की एनएसए से ये मुलाक़ात करीब 2 घंटे चली
डेलीगेशन का कहना था कि सूफी कल्चर के जरिये ही देश मे फैल रहे कट्टरपंथ से निपटा जा सकता है. ऐसे में सरकार हाशिये पर आ रही सज्जादानशीन और सूफी कल्चर को प्रमोट करे. बैठक के दौरान अजीत डोवाल ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और दरगाहों की भूमिका की तारीफ की और कहा कि देश मे शांति और भाईचारा बढ़ाने में दरगाहों की बड़ी भूमिका है.


एनएसए की सूफी मुस्लिम धर्म गुरुओं से ये मुलाक़ात कहीं न कहीं सबको साथ लेकर चलने कि कोशिश और समाज में मैसेज देने की है क्योंकि विपक्ष मोदी सरकार को इस बात पर घेरने की कोशिश करता है कि सरकार हिन्दू-मुस्लिम के बीच लकीर खींचकर वोट हासिल करने की रणनीति पर काम करती है.


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