नई दिल्ली: बुधवार को देशभर के गन्ना किसानों के लिए राहत की ख़बर आ सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2020-21 के लिए गन्ना की ख़रीद मूल्य में बढोत्तरी का फ़ैसला हो सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ ख़रीद मूल्य में 10 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की संभावना है. बढ़ोतरी के बाद ख़रीद मूल्य 285 रुपए प्रति क्विंटल हो सकता है. 2019-20 में 2018-19 की तुलना में ख़रीद मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया था.


गन्ने की ख़रीद मूल्य को Fair & Remunerative Price (FRP) के तौर पर घोषित किया जाता है. चीनी वर्ष (Sugar Year) हर वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल 30 सितंबर तक चलता है. पिछले साल ख़रीद मूल्य में बढ़ोतरी नहीं किए जाने का किसानों ने विरोध किया था. FRP वो मूल्य होता है जिस दर पर चीनी मिल किसानों से गन्ना खरीदते हैं.


फ़िलहाल नहीं बढ़ेंगे चीनी के दाम


वैसे सरकार फ़िलहाल चीनी की न्यूनतम विक्रय मूल्य को बढ़ाने का फ़ैसला टाल सकती है. न्यूनतम विक्रय मूल्य को 31 रुपए प्रति किलो से बढ़ाकर 33 रुपए प्रति किलो करने की सिफ़ारिश की गई थी. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में जीओएम की बैठक में इस पर सहमति तो बन गई थी लेकिन अंतिम फ़ैसला कैबिनेट पर छोड़ दिया गया था. न्यूनतम विक्रय मूल्य में बढ़ोतरी से खुले बाज़ार में चीनी का दाम बढ़ जाता है. और सरकार कोरोना काल में चीनी जैसे आम उपयोग में आने वाले सामान की क़ीमत में बढ़ोतरी का ज़ोखिम नहीं लेना चाहती. हालांकि चीनी मिलें सरकार से लगातार न्यूनतम विक्रय मूल्य बढ़ाने की मांग कर रही हैं.


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