जम्मू में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में कर्फ्यू लागू है. वहीं, इस करोना कर्फ्यू ने प्रदेश के गन्ना किसानों की दिक्कतें बढ़ा दी है और अब उनके खेतों में खड़ा गन्ना सूखकर खराब हो रहा है. 


दरअसल, प्रदेश में करोना संक्रमण से बचाए के लिए कर्फ्यू जारी है, जिसके दौरान प्रदेश में कई तरह की जैसी बंदिशें है. इन बंदिशों के चलते न केवल वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी है बल्कि मंडियों को भी कुछ घंटों के लिए ही खुले रहने का आदेश है.


30 गांव के किसानों का गन्ना खराब
प्रदेश में जारी इन करोना बंदिशों का असर प्रदेश के गन्ना किसानों पर पड़ा है. जम्मू का मढ़ इलाका गन्ना उगाने के लिए प्रसिद्ध है और यहां के करीब 30 गांव के लोग गन्ने की खेती से ही अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं. मढ़ इलाके के सरपंच केवल कृष्ण, जो पेशे से खुद गन्ना किसान है, उका दावा है कि बीते 2 सालों से लगातार इस इलाके के गन्ना किसान मार झेल रहे हैं.


उनका कहना है कि पिछले दो सालों से लगातार करोना कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते उनकी फसल खेतों में ही खराब हो गई है. उन्होंने कहा कि इस इलाके के करीब 30 गांव के लोग गन्ने की खेती पर ही निर्भर है और मौजूदा समय में बाजार बंद होने के चलते इन 30 गांव के किसानों के गन्ने के खेतों में पड़ा गन्ना खराब हो रहा है. उन्होंने कहा कि जम्मू में गन्ने की कटाई अप्रैल महीने से ही शुरू हो जाती है और इस समय तक यहां पर दूसरी फसल लगा ली जाती है लेकिन मौजूदा हालातों में गन्ना किसान अभी तक अपनी फसल नहीं काट पाए हैं. अब यह फसल खेतों में पड़ी-पड़ी खराब हो रही है.


कृष्ण ने दावा किया कि मौजूदा हालत में छोटे किसानों को करीब एक लाख का नुकसान जबकि बड़े किसानों को करीब पांच लाख से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा. वहीं इलाके के ही गन्ना किसान कुलदीप कुमार का कहना है कि मौजूदा समय में इन किसानों के पास अपने खेतों से मंडी तक यह गन्ना ले जाने के लिए कोई साधन नहीं है और इसके साथ ही व्यापारी भी यह गन्ना नहीं खरीद रहे हैं.


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