नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद अब संसद स्टैंडिंग कमेटी की बैठकें शुरू हो गई हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को साइंस एंड टेक्नोलॉजी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई. हालांकि इस बैठक में कुल 30 सदस्यों में से महज 8 सदस्य मौजूद रहे क्योंकि कई सदस्य अपने-अपने राज्यों और क्षेत्रों में थे और दिल्ली पहुंचने में होने वाली दिक़्क़तों का हवाला देते हुए इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. इसी बैठक के दौरान अब सदस्यों ने सुझाव दिया कि अब जबकि देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक को भी नियमित तौर पर बुलाया जाना चाहिए और अगर सदस्य बैठक के लिए संसद भवन परिसर नहीं आ पा रहे हैं तो उनको वर्चुअल तरीके से जोड़ने पर विचार होना चाहिए.


30 में से 8 सदस्य ही हुए स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में शामिल


वैसे तो साइंस एंड टेक्नोलॉजी स्टैंडिंग कमिटी में कुल 30 सदस्य हैं लेकिन लॉकडाउन के बाद हो रही इस बैठक में शुक्रवार को महज़ 8 सदस्य ही जुड़े. कई सदस्यों ने यह कहते हुए बैठक में शामिल होने से असमर्थता जताई कि वह फिलहाल चाहते हुए भी बैठक में नहीं आ सकते क्योंकि उनके राज्य क्षेत्रों या इलाकों में अभी भी हालात खराब है और आने-जाने की सुविधा नहीं है.


कई सदस्यों ने बैठक में वर्चुअल तरीके से शरीक होने का भी सुझाव दिया


बैठक के दौरान बैठक में मौजूद कई सदस्यों ने सुझाव दिया कि आने वाले दिनों में पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के लिए वर्चुअल तरीके से भी बैठक में शामिल होने को लेकर नियमों में बदलाव होना चाहिए. क्योंकि इस वक्त देश कोरोना संक्रमण काल से गुज़र रहा है और ऐसे में हर एक सदस्य का बैठक में पहुंच पाना मुमकिन नहीं है. लिहाजा सदस्यों की सहभागिता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि नियमों में बदलाव कर वर्चुअल तरीके से बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाए.


बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने बरती पूरी सावधानी


लॉकडाउन के बाद हुई साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में पूरी सावधानियां बरती गईं. सदस्य जब अंदर दाखिल हुए तो मुंह पर मास्क और सैनिटाइजर का लगातार इस्तेमाल किया जाता रहा. इसके साथ ही बैठक के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया गया. यहां तक की गिने-चुने अधिकारियों को ही सदस्यों के सामने एक बार में आने की अनुमति दी गई जिससे कि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव को ध्यान में रखते हुए जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उनका पूरी तरह से पालन हो और कहीं कोई लापरवाही ना हो पाए.


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