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Sukesh Chandrashekhar Case: कभी सीएम का पोता बन कर तो कभी SC का जज बन कर, नेताओं से लेकर मशहूर अभिनेत्रियों तक सुकेश चंद्रशेखर ने हर किसी को ठगा

Sukesh Chandrashekhar Case: सुकेश चंद्रशेकर की जितनी उम्र है उतने ही उस पर केस दर्ज हैं. पहला मुकदमा साल 2007 मे दर्ज हुआ था.

Sukesh Chandrashekhar Case: फिल्म अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस (Jacqueline Fernandez) की फिल्म किक की थीम के आधार पर उसके कथित चहेते सुकेश चंद्रशेकर को भी किक मिलती रही है. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद 200 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूल करने वाले सुकेश चंद्रशेकर को भी हर अपराध करने के बाद किक मिलती रही और वो कभी मंत्री का बेटा बनकर तो कभी मुख्यमंत्री का पोता बन कर, कभी सुप्रीम कोर्ट का जज बन कर तो कभी कानून मंत्री का पीए बनकर अपराध जगत की सीढियां चढ़ता गया. यहां तक कि आज सुकेश की जितनी उम्र है उतने ही उसपर केस दर्ज हैं. युवावस्था के पहले मुकाम पर उसका पहला कारनामा लगभग सवा करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का था.

सुकेश चंद्रशेकर पर मुकदमें किसी एक जगह पर दर्ज नहीं हैं, बैंगलोर से मुंबई होते हुए दिल्ली तक इसके अपराधों की लंबी फेहरिस्त है और जांच करने वाली एजेंसियों में पुलिस के अलावा सीबीआई और ईडी भी शामिल हैं. सुकेश के आपराधिक रिकार्ड के मुताबिक उसपर पहला मुकदमा साल 2007 मे दर्ज हुआ था. बैंगलोर मे दर्ज इस एफआईआर के मुताबिक उसने एक व्यवसायी को बैंगलोर विकास प्राधिकरण के जरिए जमीन दिलाने के नाम पर एक करोड़ 15 लाख रुपये की ठगी की थी. 

ठगने का हर तरीका अपनाया

सुकेश के आपराधिक रिकार्ड के दस्तावेज में साफ-साफ लिखा हुआ है कि एक बार अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने फिर मुड़कर नहीं देखा और उसपर ताबड़तोड़ मुकदमें दर्ज होते गए, लेकिन इन मुकदमों की लंबी फेहरिस्त उसे अपराध की दुनिया में किक देती रही. उसके कारनामे बताते हैं कि उसने लोगों को ठगने का हर वो तरीका अपनाया जिससे सामने वाला प्रभावित होकर उसे पैसे देता रहे और जब तक उसे सच्चाई पता चलती तब तक काफी देर हो चुकी होती थी. 

उसके इन कारनामों की थोड़ी सी झलक देखिए-

  • साल 2009 मे बैंगलोर में खुद को मंत्री कन्नाकरन रेड्डी का बेटा बताकर 3 लाख 72 हजार की धोखाधड़ी की. अपनी सुरक्षा के लिए एक गनमैन लिया. गनमैन को बताया कि मंत्री का बेटा हूं. सैलरी तय हुई 30 हजार, दिए 10 हजार, बाद में पुलिस ने 20 हजार की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया.
  • साल 2010 में कानन नाम के शख्स ने एफआईआर कराई कि सुकेश ने खुद को सीएम का पोता बता कर 2 लाख रुपये की धोखाधड़ी की.
  • 2010 में ही जोसेफ अलेक्जे़डर ने शिकायत की सुकेश ने खुद को सीएम का पोता बता कर लग्जरी गाड़ी दिलाने के नाम पर 6 लाख की धोखाधड़ी की.
  • 2015 में एक कंपनी बनाकर आम जनता से 19 करोड़ रुपये की ठगी की.

दस्तावेजों के मुताबिक सुकेश की धोखाधड़ी के जरा इस पहलू को देखिए जब वो तिहाड़ जेल मे बंद था तो दिल्ली की एक महिला जज को उनके चैंबर में फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को सुप्रीम कोर्ट के एक जज का पीए बताते हुए कहा कि मैडम सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस कुरियन बात करना चाहते हैं. इसके बाद लाइन पर कथित जज आए और उन्होंने महिला जज को कहा कि सुकेश की अंतरिम जमानत मंजूर कर लें. आरोप के मुताबिक बात ना मानने पर कथित अंजाम की धमकी दी गई. 

धोखा देने के लिए आईएएस अफसर भी बना

इसके बाद जब महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया तो पता चला कि फोन सुप्रीम कोर्ट के जज ने नहीं सुकेश ने कराया था. सुकेश के अपराधों की फेहरिस्त के मुताबिक वो लोगों को धोखा देने के लिए कभी खुद को आईएएस अफसर बता देता था तो कभी सीएम ऑफिस का ज्वाइंट सेक्रेटरी और उसका आपराधिक रिकार्ड ये बताता है कि उसने अपने हर कथित अपराध के लिए पैसे लिए, चाहे वो हजारों में रहे हों, लाखों में या फिर करोड़ों-अरबो में. कर्नाटक सरकार में टेंडर दिलाने के लिए उसने 63 हजार की धोखाधड़ी भी की और आईएएस अफसर बनकर उसने केनरा बैंक को वैडिंग मशीन दिलाने के नाम पर 19 करोड़ रुपये का चूना भी लगाया.

तिहाड़ जेल में भी नहीं बंद की हरकतें

सुकेश इतना शातिर था कि अपनी सुविधा के लिए वो कोई कदम उठाने से नहीं चूकता था. जब वो तिहाड़ जेल में बंद हुआ तो तिहाड़ की सुरक्षा में तैनात तमिलनाडू सिक्योरिटी पुलिस के सहायक कमांडेंट के पास एक फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि वह आईएएस अधिकारी सरवना कुमार है और वह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का निजी सचिव है. फोन करने वाले ने सहायक कमांडेंट को कहा कि वह सुकेश का खास ख्याल रखे क्योंकि वह मंत्री जी का खास आदमी है. जांच में ये भी फर्जी पाया गया और सुकेश पर एक और मुकदमा दर्ज हो गया. 

किसी भी वाआईपी का नाम लेने से नहीं डरता

सुकेश का आलम यह था कि वो किसी भी वीआईपी का नाम लेने से नहीं डरता था. चाहे वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम हो या फिर सुप्रीम कोर्ट के किसी जज का. यहां तक कि उसने एक बार मुंबई हाईकोर्ट में तैनात रिसीवर को खुद का परिचय केंद्रीय कानून मंत्री के निजी सचिव के तौर पर देते हुए एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की थी. जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने कैमरे पर आए बिना बताया कि सुकेश सामने वाले को तोलता है फिर मोलता है और फिर बोलता है. हर समय उसके दिमाग में कोई ना कोई नया प्लान चलता रहता है. पूछताछ के दौरान भी वह अपनी इस कलाबाजी को दिखाता रहा. 

नेताओं से लेकर मशहूर अभिनेत्रियां तक फंसी जाल में

सुकेश की इसी कला से उसके जाल में नेता से लेकर बालीवुड तक की मशहूर अभिनेत्रियां तक फंस गईं. यहां तक कि उसने एक राजनैतिक पार्टी के नेता से उसका पंसदीदा चुनाव चिन्ह दिलाने के नाम पर करोड़ों की उगाही कर ली और सरकारी रिपोर्ट को मानें तो दिल्ली की तिहाड़ जेल मे बैठ कर अपनी जेल की कोठरी में बेरोकटोक मशहूर टीवी एक्ट्रेस को भी बुला लेता है. फिलहाल सुकेश (Sukesh Chandrashekhar) दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और उस पर जेल अधिकारियों को घूस देकर जेल में अपना साम्राज्य चलाने के भी आरोप हैं. उसकी कथित दोस्त जैकलीन फर्नांडीस (Jacqueline Fernandez) पर ईडी (आअ) आरोपपत्र दायर करने के पहले कानूनी सलाह लेने में लगा हुआ है. 

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