दिन- बुधवार, तारीख- 4 दिसंबर, 2024, जगह- स्वर्ण मंदिर (अमृतसर). तनखैया (धार्मिक कदाचार के लिए दोषी) की सजा काट रहे सुखबीर सिंह बादल गोल्डन टेंपल के बाहर सेवादार के रूप में सेवा दे रहे हैं. एक आदमी स्वर्ण मंदिर के दरवाजे पर खड़ा सेवादार दर्शन के लिए आने वाले लोगों का स्वागत कर रहा है और उसी के एकदम पीछे सुखबीर सिंह बादल व्हीलचेयर पर बैठे सेवा दे रहे हैं. पहले एक शख्स मंदिर में एंटर होता है, फिर दूसरा शख्स और जैसे ही तीसरा शख्स दबे पांव पांच कदम मंदिर की तरफ चलता है और जैकेट की जेब से पिस्टल निकालकर सुखबीर सिंह बादल की तरफ तानकर चलाने की कोशिश करता है, तभी उसे सेवादार दबोच लेते हैं और हंगामा मच जाता है.


हमले के वीडियो में देखा जा सकता है कि आम दिनों की तरह स्वर्ण मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ है और लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं. एक शख्स काली पगड़ी, क्रीम कलर की जैकेट और काले कलर की पेंट पहने मंदिर की तरफ बढ़ता हुआ दिख रहा है. सुखबीर सिंह बादल नीले कपड़ों में, काली पगड़ी और गले में सफेद पटका पहने दिख रहे हैं. हाथ में भाला है और गले में एक तख्ती भी है.


हमलावर धीरे-धीरे चार कदम मंदिर की तरफ बढ़ता है और उसे देखकर किसी को भी ऐसा नहीं लगा कि वह हमले का इरादा लेकर आया है. इस समय तक सुखबीर सिंह बादल सेवा करने में व्यस्त हैं, लेकिन जैसे ही हमलावर पांचवा कदम रखता है और जैकेट की जेब में हाथ ड़ालकर पिस्टल निकालता है तो सब चौंक जाते हैं. पिस्टल देखकर जैसे ही दूसरा सेवादार हमलावर की तरफ बढ़ता है और उसके साथ दूसरे लोग भी आकर उसको दबोचते हैं, तब सुखबीर सिंह बादल को पता चलता है कि ये उन पर हमले की कोशिश थी और हंगामे की वजह से वह थोड़े घबरा भी जाते हैं.


सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले का नाम नारायण सिंह बादल चौरा बताया गया है और उसको पुलिस कस्टडी में दे दिया गया है. हमले की खबर सुनते ही सुखबीर सिंह की पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल भी स्वर्ण मंदिर पहुंचीं. अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरपीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पुलिस अधिकारी रिशपाल सिंह, जसबीर और परमिंदर सिंह हमले को विफल करने में कामयाब रहे. उन्होंने बताया कि नारायण सिंह चौरा का क्रिमिनल रिकॉर्ड है और मामला दर्ज कर हर एंगल से मामले की जांच की जाएगी. 


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