नई दिल्ली: कृषि से संबंधित बिल का विरोध करते हुए आज मोदी कैबिनेट में शामिल शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया. इसके फौरन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कौर के इस्तीफे को नौटंकी बताते हुए कहा कि एनडीए में अकाली दल शामिल है.
पत्रकारों ने जब इसी को लेकर SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ''सत्तारूढ़ NDA के साथ रहने या नहीं रहने के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कदम के बारे में बाद में पार्टी की एक बैठक में निर्णय लिया जाएगा.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों और उनके कल्याण के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार है. वहीं हसिमरत कौर ने कहा, “मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो किसानों की आशंकाओं को दूर किये बिना कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक लेकर आई.”
वहीं विरोध के बीच किसानों से जुड़ा दो बिल लोकसभा में पास हो गया. कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया. जो दो बिल पास हुए वे कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 हैं. अब इसे राज्यसभा में पास किया जाएगा. इसके साथ ही कल दोपहर तीन बजे तक के लिए निचले सदन को स्थगित कर दिया गया है.
उधर हरसिमरत कौर के इस्तीफे को कांग्रेस ने दिखावा बताया है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ सच के साथ खड़े होना चाहिए. जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नही किया? आप लोकसभा से इस्तीफ़ा क्यों नही देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नही, किसान का पक्ष लें.’’