केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता भी हो चुकी है जो बेनतीजा रही हैं. वहीं किसान संगठन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इन सबके बीच शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह “ अहंकार” त्याग कर तीन कृषि कानूनों को रद्द कर दे और किसानों की मांग मान ले.


सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट भी किया
इस संबंध में बादल ने ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “दुनिया भर में लोग हमारे किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करते हुए देख रहे हैं और #AntiFarmerLaws को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. यह भाजपा के नेतृत्व वाले भारत सरकार के लिए अहंकार को दूर करने और किसानों की मांगों को स्वीकार करने का समय है, जिन्होंने बार-बार कहा कि उन्होंने ऐसे कानूनों की कोई मांग नहीं की है.”





केंद्र सरकार ने अपना रखा है अडियल रवैया


बादल ने ये भी कहा कि, “ यह काफी शर्मनाक है कि केंद्र सरकार ने अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है और दो महीनें गुजर जाने के बावजूद किसानों की मांग के अनुसार कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए तैयार नहीं है.” उन्होंने आशंका जताई की देश के किसान इन कानों को निरस्त करने की मांग पर एकजुट हैं, जो किसानों की भावी पीढ़ियों को पूरी तरह से खत्म कर सकता है


किसानों के साथ खड़े हैं इसलिए झूठे मामलों में घसीटा जा रहा है


बादल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, इस मुसीबत की घड़ी में वे किसानों को ‘लंगर’ परोस रहे हैं और उनके साथ खड़े हैं. इसी वजह से उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. बादल ने इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि प्रदेश के सीएम राज्य के लोगों से किए गए अपने वादों में से एक भी पूरा करने में असफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि घोषणा कर सिर्फ खानापूर्ति की गई क्योंकि वायदा एक भी पूरा नहीं किया गया.


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