तीन नए कृषि कानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन में शुक्रवार को काफी ज्यादा हलचल देखने को मिली. एक तरफ जहां शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसानों के जत्थे पहुंचे तो वहीं सिंघू बॉर्डर पर हिंसा की घटना सामने आई. लेकिन अब शिरोमणि अकाली दल ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी सीमाओं पर किसान प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने का आग्रह किया.


वरिष्ठ शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सभी कार्यकर्ता और युवा अकाली दल (वाईएडी) के कार्यकर्ताओं से अपील की, जो पिछले एक सप्ताह में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में धरना स्थलों पर वापस पंजाब चले गए थे.


पूर्व अकाली मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार हरियाणा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के साथ मिलकर किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है. हमें अपने 'अन्नदाताओं' की आवाज को शांत करने के उनके नापाक मंसूबों को नाकाम करना चाहिए. किसानों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई बलिदान भी बड़ा नहीं है."


मजीठिया ने किसान नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के 'दुरुपयोग' की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि यूएपीए को भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी को सताने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.


बता दें शिरोमणि अकाली तीन कानून का शुरुआत से ही विरोध कर रही है. तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल ने केंद्र की एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.


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