सुकमा: जानिए उन नौ जवानों के बारे में जो नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गए
मंगलवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों और सीआरपीएफ जवानों के बीच मुठभेड़ में नौ जवान शहीद हो गए.
नई दिल्ली: मंगलवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों और सीआरपीएफ जवानों के बीच मुठभेड़ में नौ जवान शहीद हो गए. इस घटना पर गृहमंत्री समेत कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है. हालांकि शहीदों के परिवारवालों पर जो बीत रही होगी उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. पूरा देश इन वीर जवानों की सहादत को सलाम कर रहा है. नक्सलियों के खिलाफ हुई मुठभेड़ में राजस्थान से लेकर यूपी और ओडिशा तक के जवान शामिल थे. आज एबीपी न्यूज़ आपको इन शहीद जवानों के बारे में बता रहा है.
सुकमा में शहीद होने वालों में राजस्थान के अलवर के के लक्ष्मण भी शामिल हैं, अलवर के सुंदरवाड़ी गांव के रहने वाले 35 साल के लक्ष्मण अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं. लक्ष्मण के दो भाई हैं और दोनों पुलिस में हैं.
नक्सली हमले में यूपी के मऊ ने भी अपना वीर सपूत खो दिया, मऊ के भेड़ियाधर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र यादव उस एंडी माइन व्हीकल में सवार थे जिसे नक्सलियों ने उड़ा दिया. शहीद धर्मेंद्र अपने पीछे एक बेटा और दो बेटी छोड़ गए हैं. उनके जाने से पूरा परिवार मातम में डूबा हुआ है.
यूपी के बलिया जिले के मनोज कुमार सिंह ने भी अमर बलिदान दिया है, मनोज अभी होली पर छुट्टी मनाने घर आए थे लेकिन कौन जानता था कि ये उनकी आखिरी होली होगी. मनोज के पिता भी सीआरपीएफ में थे कुछ पहले ही वो रिटायर हुए थे.
एमपी के मुरैना जिले के राम किशन सिंह तोमार भी शहीद हो गए, 1986 में सीआरपीएफ ज्वाइन करने वाले राम किशन भी उसी वैन में थे जिसे नक्सलियों ने बारूद सुरंग से उड़ा दिया, उनके शहादत की खबर मिलने के बाद पूरा परिवार मातम में डूब गया है.
यूपी के हापुड़ के रहने वाले शोभित मिश्रा भी शहीद हुए हैं. शोभित की 2004 में CRPF में भर्ती हुई थी. शोभित पिछले दिनों होली की छुट्टी पर 20 दिन के लिए घर आए हुए थे उसके बाद 2 दिन पहले ही छुट्टी खत्म होने पर घर से विदा ली थी. और कल उनकी शहादत की ख़बर उनके घर पहुंची. शोभित के परिवार में उनकी मां उनकी पत्नी और एक बेटा है.
ओडिशा के पुरी जिला के निवासी मनोरंजन लेन्का भी नक्सली हमले में शहीद हो गए, मनोरंजन साल 2014 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे, मनोरजंन सिर्फ 25 साल के थे.
एमपी के भिंड जिले के जीतेंद्र सिंह को भी नक्सली हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी, 10 मार्च को ही जीतेंद्र होली की छुट्टी से वापस गए थे और 3 दिन बाद ही उनके शहादत की खबर आई तो घर में मातम छा गया.
शहीद चंद्र एच एस कर्नाटका के हसन जिले के हारादूरू गांव के निवासी थे. चंद्र एच एस कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे. शहीद अजय कुमार यादव बिहार के मुंगेर जिले के सिकंदरपुर गांव के निवासी थे. यादव सुकमा में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे.