सुकमा हमला: नम आंखों से दी गई देश के नौ बेटों को अंतिम विदाई
देश के अलग-अलग शहरों में शहीदों की चिताएं सुलग रही हैं और कहीं नक्सली हमले तो कही आतंकी हमलों की वजह से ये अक्सर हो रहा है. अलवर से लेकर भिंड तक और मऊ से लेकर मुंगेर तक मातम छाया हुआ है. 13 तारीख को सुकमा में हुए नक्सली हमले में CRPF के नौ जवान शहीद हुए थे
नई दिल्ली: सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए जवान लक्ष्मण को राजस्थान के अलवर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई गई जिसे देख लोगों की आंखें नम हो गईं. अलवर से लेकर भिंड तक और मऊ से लेकर मुंगेर तक मातम छाया हुआ है. 13 तारीख को सुकमा में हुए नक्सली हमले में CRPF के नौ जवान शहीद हुए थे, जिनमें से रामकृष्ण सिंह और जीतेंद्र सिंह एमपी के भिंड के रहने वाले थे. दोनों का पार्थिव शरीर हेलिकॉप्टर से लाया गया है और यहां उन्हें आखिरी विदाई दी गई.
भिंड जैसा ही मंज़र यूपी के हापुड़ में भी देखने को भी मिला. शहीद सिपाही शोभित सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, चीख-पुकार मच गई. घर में मातम के बीच शहीद शोभित का अंतिम संस्कार किया गया.
यूपी के मऊ में भी शहीद धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी गई तो एमपी के मुरैना में रामकृष्ण सिंह तोमर को नम आखों से विदाई दी गई. वहीं कल रात में बलिया के शहीद मनोज कुमार का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है.
बिहार में मुंगेर के माटी के लाल अजय कुमार यादव ने भी नक्सलियों से लड़ते हुए अमर बलिदान दिया, अजय का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए. देश के अलग-अलग शहरों में शहीदों की चिताएं सुलग रही हैं और कहीं नक्सली हमले तो कहीं आतंकी हमलों की वजह से ये अक्सर हो रहा है.
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