सुकमा नक्सली हमला LIVE: राजनाथ सिंह ने कहा, 'व्यर्थ नहीं जाने देंगे जवानों का बलिदान'
रायपुर/नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने अपने बड़े घातक हमले में 25 सीआरपीएफ के जवानों को शहीद कर दिया है. इस हमले में 6 जवान जख्मी हैं और उनकी हालत नाजुक है. ये नक्सली हमला पूरी तरह से नियोजित था और इसे करीब 300 नक्सलियों ने अंजाम दिया. जिस वक़्त हमला हुआ, उस वक़्त दक्षिणी बस्तर के सुकमा में 99 सीआरपीएफ के जवान सड़क बना रहे मजदूरों की सुरक्षा में जुटे थे. ये इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है.
LIVE UPDATES:
- राजनाथ ने कहा कि अब तक नक्सलियों के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर रणनीति में बदलाव किया जाएगा. राजनाथ ने नक्सल प्रभावित राज्यों की रिव्यू बैठक 8 मई को दिल्ली में बुलाई है जिसमें नक्सलियों के खिलाफ आगामी रणनीति तय की जाएगी.
- गृहमंत्री राजनाथ ने कहा कि वामपंथी उग्रवादी देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं. केंद्र और राज्य मिलकर अब कार्रवाई करेगी.
- सुकमा नक्सली हमले के बाद रायपुर का दौरा करने पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे. वामपंथी उग्रवादी विकास के खिलाफ है, वे नहीं चाहते है कि गांव वालों का विकास हो.
- इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हम बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे.
- हालात का जायजा लेने आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह रायपुर का दौरा करने पहुंचे.
- 2010 से अब तक करीब 6 बड़े नक्सली हमलों में करीब 200 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.
माना जाता है कि नक्सली विकास के कामों से बौखलाए हुए हैं. नक्सलियों को सबसे ज्यादा परेशानी सड़क निर्माण से होती है, क्योंकि जैसे ही सड़क बनती है, जहां लोगों का जुड़ाव शहर से हो जाता है वहीं प्रशासन के लिए भी दूर दराज़ के इलाकों में पहुंचना आसान हो जता है. इसके साथ ही किसी भी हालात से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को भेजना आसान होता है. इसलिए नक्सलियों का पहला निशाना सड़क निर्माण के काम को रोकना होता है और यही सुकमा में देखने को मिला.
नक्सलियों के प्रभाव वाले राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, बंगाल और मध्य प्रदेश में सरकार ने सड़क निर्माणा पर खासा जोर दिया है. इन राज्यों के 44 जिलों में 5,412 किमी सड़क निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है. जैसे ही सड़क बनेगी, सरकारी सुविधा अंदर तक जाएगी, और वहां के लोग मेनस्ट्रीम से जुड़ेंगे. इसलिए नक्सली हमला करके इस परियोजना को तबाह कर देना चाहते हैं.