लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी की आर्थिक क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य भारत की प्रगति में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा सकता है और यह देश के विकास का इंजन बन सकता है. सिंह ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट (उत्तर प्रदेश निवेश सम्मेलन-2018) में कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार अपराध और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही व्यापारिक माहौल बनाकर यूपी को निवेशकों के लिए व्यवस्थित करने की दिशा में काम चल रहा है.


उन्होंने कहा कि "यूपी का मतलब विकास के लिए असीमित क्षमता. प्रदेश भारत की प्रगति में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा सकता है और यह देश के विकास का इंजन बन सकता है. पिछले 15 साल में कभी भी विकास के नाम पर इतनी गंभीर चर्चा नहीं हुई, अब विकास बहुत तेजी से वापस आया है. अगर निवेशकों के मन में कोई संदेह है तो यह एक ऐसा मंच है जहां पर सभी आशंकाओं को दूर किया जा सकता है." उन्होंने कहा कि कभी उत्तर प्रदेश अग्रणी प्रदेश हुआ करता था लेकिन कुछ कारणों से पिछले कुछ सालों में यह पिछड़ गया लेकिन अब ऐसा दिख रहा है ​कि एक बार फिर प्रदेश विकास की ओर अग्रसर होगा.


सत्र को सम्बोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि औद्योगिक एवं अवस्थापना सुरक्षा का यह सत्र उद्योगों के विकास और विस्तार से संबंधित है. निवेश के लिए सुरक्षा सर्वाधिक आवश्यक तत्वों में से है. कानून व्यवस्था की अच्छी स्थिति के बिना विकास और समृद्धि के लक्ष्य प्राप्त नहीं किए जा सकते. अपराधों के प्रति मुख्यमंत्री की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में गुणात्मक सुधार हुआ है. राज्य सरकार ने संगठित अपराध के विरुद्ध जो नीति अपनाई है, यह व्यापार और उद्योग को प्रोत्साहित करने वाली है.


उत्तर प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों की चर्चा करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यूपी का अर्थ अनलिमिटेड पोटेन्शियल है. उत्तर प्रदेश उन्नत अवसरों की भूमि है. इसमें भारतवर्ष के ग्रोथ इंजन बनने के पूरी संभावना है. वर्तमान में प्रदेश की विकास दर डबल डिजिट की है. यह देश के पांच बड़े मैनुफैक्चुरिंग राज्य में से भी एक है. प्रदेश में मैनुफैक्चुरिंग यूनिट लगाना किसी भी निवेशक के लिए फायदे का सौदा होगा. बुंदेलखंड में डिफेन्स कॉरिडोर की स्थापना से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और समृद्धि आएगी.


इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के लिए सीएम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस समिट से निवेशकों की शंकाओं का समाधान हो जाएगा और प्रदेश में विकास की वापसी होगी.


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के दो पक्ष, कानून व्यवस्था और औद्योगिक एवं अवस्थापना सुरक्षा हैं. सुदृढ़ औद्योगिक एवं अवस्थापना सुरक्षा व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट के लिए इनश्योरेन्स और इन्वेस्टर के लिए बड़ा एश्योरेन्स होता है. इसलिए केन्द्र सरकार ने सीआईएफएस का गठन किया है. राज्य सरकारों द्वारा भी इस तरह के बलों का अपने राज्यों में गठन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में इसके लिए प्रावधान किए हैं.


राजनाथ सिंह ने कहा कि औद्योगिक सुरक्षा के तीन स्तम्भ-फिज़िकल सिक्योरिटी, डाटा एवं इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी और कन्टीजेन्सी प्लान होते हैं. इनके साथ ही, अब एक नया पक्ष साइबर स्पेस का जुड़ गया है. इसलिए औद्योगिक और वित्तीय संस्थानों में साइबर सुरक्षा प्लान भी बनाया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने साइबर क्राइम रोकने के लिए एक डेडिकेटेड डिवीजन बनाई है.


उन्होंने कहा कि अधिकतर औद्योगिक और वित्तीय संस्थानों द्वारा साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता. जबकि वर्तमान समय में साइबर अपराधों की संख्या बहुत बढ़ गई है. अपराधी इसके जरिये सार्वजनिक सम्पत्तियों और संस्थाओं को बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहते हैं.