नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की प्रतिष्ठित सुंदर नर्सरी को इस साल का बड़ा सम्मान मिला है. उसे यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. ये सम्मान सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के मामले में हासिल हुआ. यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार विजेताओं की सूची में शामिल सुंदर नर्सरी 90 एकड़ में फैली है. ये नर्सरी बागवानी की सुंदर मिसाल है. यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार की विशेष्ट श्रेणी में केरल के त्रिशूर में गुरुवायूर मंदिर के कूटम्बलम को भी जगह मिली है.


दिल्ली की सुंदर नर्सरी को मिला सम्मान


यूनेस्को बैंकाक ने बयान जारी कहा कि चीन के हांगकांग एसएआर में लाइ चो वो  रूरल कल्चरल लैंडस्केप को अभिनव पुनरुद्धार और नई दिल्ली की ऐतिहासिक सुंदर नर्सरी के परिवर्तनकारी प्रबंधन को सतत विकास के लिए विशिष्ट सम्मान दिया जा रहा है. बयान में आगे बताया गया कि सुंदर नर्सरी को सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए इस साल के यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार के लिए चुना गया है. ये पहली बार नहीं है जब सुंदर नर्सरी का दुनिया भर में नाम हुआ है. इससे पहले भी प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका में सुंदर नर्सरी जगह बना चुकी है. पत्रिका ने दुनिया के सबसे महान जगहों में से एक बताया था.


पर्यटकों के लिए क्यों खास है सुंदर नर्सरी? 


सुंदर नर्सरी में कई गार्डन, तलाब और एतिहासिक धरोहर हैं. पूरी तरह से टूट-फूट होने के बाद पुरातत्व विभाग की मदद से दोबारा तैयार किया. प्रयटन की दृष्टि से ये जगह खास है. यहां कई गेटनुमा बुर्ज जगह-जगह बनाए गए हैं. सुंदर नर्सरी में मकबरे और कुएं भी देखने को मिल जाएंगे. सुंदर नर्सरी का पुराना नाम अजीम बाग या बाग-ए-अजीम है. 16वीं सदी में मुगलों के बनाया हेरिटेज पार्क परिसर निजामुद्दीन में हुमायूं के किले के आसपास है.


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