Sunehri Bagh Masjid: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने हाल ही में एक नोटिस जारी किया. इसमें ट्रैफिक में बाधा पड़ने से रोकने के लिए सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने की बात कही गई. हालांकि, सेंट्रल विस्टा रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के जरिए 2021 में यहां ट्रैफिक को समझने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की गई थी. इसमें बताया गया था कि चौराहे पर स्थित मस्जिद से किसी तरह का भीड़भाड़ नहीं हो रही है और न भविष्य में होगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीएमसी ने इस हफ्ते एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव पर 1 जनवरी तक लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए. एनडीएमसी का कहना है कि उसे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से एक रेफरेंस मिला था. इसमें सुनहरी बाग के चौराहे के आसपास बिना रोक-टोक ट्रैफिक सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक इंजीनियरिंग प्रस्ताव मांगा गया था. इसके बाद मस्जिद को ध्वस्त करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया.
कहां मौजूद है सुनहरी बाग मस्जिद?
सुनहरी बाग मस्जिद 150 साल पुरानी है और वह दिल्ली के लुटियंस जोन्स में मौजूद है, जहां देश की कुछ प्रमुख इमारतें मौजूद हैं. मस्जिद के पास में ही उद्योग भवन है. यहां से प्रधानमंत्री कार्यालय भी ज्यादा दूर नहीं है. इसके अलावा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार हो रहा प्रधानमंत्री निवास भी इसके पास में मौजूद है. मस्जिद से कुछ सौ मीटर की दूरी पर कर्तव्य पथ और राष्ट्रपति भवन स्थित हैं. मस्जिद के चारों तरफ से कुल मिलाकर छह सड़कें गुजर रही हैं.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को मार्च 2021 में 'पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन' और 'पर्यावरण प्रबंधन योजना' रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट को कदम एनवायरनमेंटल कंसल्टेंट ने तैयार किया था. सीपीडब्ल्यूडी की तरफ से मंत्रालय को ये रिपोर्ट इसलिए सौंपी गई थी, ताकि उसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी मिल जाए. उसे सामान्य केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री निवास और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण भी करना था.
रिपोर्ट के लिए किए जाने वाले मूल्यांकन का जिम्मा टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड को भी सौंपा गया था. टाटा कंसल्टिंग ने मूल्यांकन के लिए इस इलाके में 2026 से लेकर 2031 तक में ट्रैफिक के पड़ने वाले दबाव और उसके अनुमानों को लेकर स्टडी की. कदम एनवायरनमेंटल कंसल्टेंट और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट 'एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट' के जरिए काम पर रखा गया था.
ट्रैफिक को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के लिए चार चौराहों की स्टडी की गई. इसमें पाया गया कि सुनहरी बाग मस्दिद चौराहे में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है. मगर तीन अन्य चौराहों को सिग्नल क्रॉसिंग में बदलने की जरूरत है. इन तीन चौराहों में उपराष्ट्रपति भवन के पास, पंचमुखी चौक और रायसीना रोड के पास स्थित चौराहे शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया कि सुनहरी बाग मस्जिद चौराहे की वजह से ट्रैफिक पर बेहद ही कम असर पड़ने वाला है.
रिपोर्ट में बताया गया कि सुनहरी मस्जिद चौराहे पर जितना ट्रैफिक होता है, वो उसकी क्षमता से बेहद कम भी है. चौराहे की 4,645 यात्री कार यूनिट/घंटा (पीसीयू) की क्षमता के उलट यहां 2026 में ट्रैफिक 3,389 पीसीयू/घंटा और 2031 में 3,721 पीसीयू/घंटा ही रहने वाला है. स्टडी के लिए सभी वाहनों को एक कार के संबंध में मान दिए गए. एक कार, जीप, वैन या टैक्सी को एक पीसीयू माना गया, जबकि एक दोपहिया वाहन को 0.2 पीसीयू और एक बस को 4.58 पीसीयू माना गया.
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