नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी ने सुनील यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देंगे. सुनील यादव की उम्मीदवारी उस समय सुर्खियों में आई जब पार्टी ने उनका टिकट घोषित करने के बाद, आपत्तियों को लेकर उनके नाम पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया. बीजेपी की दूसरी सूची रात को तकरीबन 1:08 बजे जारी की गई. इसमें 10 उम्मीदवारों के नाम थे और जो प्रमुख नाम था वह था नई दिल्ली विधानसभा सीट से सुनील यादव का.


सुनील यादव दिल्ली बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पार्टी के जुझारू नेताओं में उनकी गिनती होती है. 2013 के विधानसभा चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में उनको टिकट मिलते-मिलते रह गया था, लेकिन जब पार्टी ने उनका टिकट घोषित किया तो उसके बाद दिल्ली बीजेपी की तरफ से सुनील यादव के नाम पर जबरदस्त विरोध के स्वर उठने लगे.


इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने उनके नाम पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया. सबसे पहले सुनील यादव को उम्मीदवार घोषित होने के बाद जारी किया जाने वाला सिंबल का फॉर्म यानि कि चुनाव चिन्ह का फॉर्म रोक दिया गया. उसके बाद सुनील यादव की जगह किस से उम्मीदवार बनाया जा सकता है ऐसे नामों पर चर्चा शुरू हुई.


बीजेपी ने तैयार किया 'प्लान B'


सुनील यादव की उम्मीदवारी खाली होने के बाद प्लान बी पर काम शुरू करना शुरू हुआ. ऐसी सूरत में सबसे पहले ऐसे उम्मीदवारों का नाम खोजा गया जिनको सुनील यादव की जगह अरविंद केजरीवाल के सामने चुनाव मैदान में उतारा जा सके क्योंकि सुनील यादव उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं. ऐसी सूरत में यादव की जगह किसी पूर्वांचली को ही मैदान में उतारना होगा.


ऐसा मानकर एक पूर्वांचली चेहरे की तलाश शुरू की गई और यह तलाश दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के नाम पर पूरी हुई. सतीश उपाध्याय 2015 में दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष थे और उन्हीं के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी हुए थे, लेकिन इसके बावजूद सुनील यादव के पक्ष में केंद्रीय नेतृत्व था.


दिल्ली के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, संगठन के प्रभारी श्याम जाजू सहित तमाम बड़े नेता स्थानीय कार्यकर्ता और युवा चेहरे सुनील यादव को अरविंद केजरीवाल के सामने चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में थे.


जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे सुनील यादव


सुबह तकरीबन 10 बजे के आसपास सुनील यादव को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के लिए बुलाया गया. दिल्ली बीजेपी के प्रभारी श्याम जाजू, सुनील यादव को लेकर जेपी नड्डा के घर पहुंचे. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तमाम दूसरे नेताओं से सलाह मशवरा कर लिया था और इस मशवरे के बाद सुनील यादव से बातचीत की गई.


पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह महसूस किया कि नाम घोषित होने के बाद अगर सुनील यादव की उम्मीदवारी खारिज की जाती है तो ऐसी सूरत में खराब संदेश जाएगा इसलिए सुनील यादव को ही अरविंद केजरीवाल के सामने नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बरकरार रखा जाए. आखिरकार सुनील यादव से बातचीत और पार्टी के दूसरे नेताओं से बातचीत के बाद यह तय हो गया कि सुनील यादव ही बीजेपी के नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहेंगे.


तकरीबन 1 घंटे तक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद जब श्याम जाजू और सुनील यादव उनके घर से बाहर निकले तो उन्होंने अपनी दावेदारी यह कहते हुए ठोकी कि  वे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आशीर्वाद लेने आए थे और वहीं अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.


सतीश यादव के नाम पर हो रही थी चर्चा


इससे पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने ही सतीश यादव के नाम का चयन होने के बाद उन्हें अपने नामांकन पेपर तैयार रखने के लिए कहा था. सतीश यादव ने नामांकन पत्र मंगवा कर बाकायदा इसको भर भी लिया था, लेकिन उससे पहले ही केंद्रीय नेतृत्व ने सुनील यादव की उम्मीदवारी को बरकरार रखने का फैसला ले लिया.


सुनील यादव ही अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी के उम्मीदवाार होंगे. माना जा रहा है कि सुनील यादव को स्थानीय उम्मीदवार होने का फायदा मिलेगा और अरविंद केजरीवाल को कड़ी टक्ककर दे पाएंगे. हालांकि सुनील यादव के नाम पर पार्टी पुनर्विचार कर रही है. यह खबर बाहर आने से बीजेपी का नुकसान तो हो ही गया है.


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