सुंजवां: जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप पर आतंकी हमलों में शहीद हुए किसी जवान के घर पर चीख-पुकार मची हैं तो किसी के घर मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. सुंजवां में आर्मी कैंप पर हुए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे. हमले के दौरान सुरक्षाबलों ने चारों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया.
इस आतंकी हमले में 50 साल के जेसीओ मदल लाल चौधरी, सेना के जवान मोहम्मद अशरफ, हबीबुल्ला कुरैशी, मोहम्मद इकबाल और मंजूर अहमद शहीद हो गए. हिंदू मुस्लिम का भेद करने वाले जरा इन नामों को गौर से देख लें. ये पांचों शहीद उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो हिंदू और मुस्लिम में भेद करते हैं.
शहीद होने वाले पांचों जवान जम्मू कश्मीर के ही थे. जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के रहने वाले जेसीओ मदन लाल चौधरी के घर जैसे ही उनकी शहादत की खबर पहुंची, मातम छा गया. शहीद मदन लाल के पड़ोसी पाकिस्तान के प्रति भारत सरकार के रवैये से खासे नाराज हैं .
घाटी के कुपवाड़ा जिले के जवान मोहम्मद अशरफ भी इस हमले में शहीद हो गए हैं. अशरफ के घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है. परजिनों को मोहम्मद अशरफ की शहादत पर नाज है और वो चाहते हैं कि पाकिस्तान से मसले का हल बातचीत से निकले.
कुपवाड़ा जिले के बटपोरा गांव में रहलने वाले हबीबुल्ला कुरैशी ने भी देश के लिए जान कुर्बान कर दी. हबीबुल्ला कुरैशी अपने बूढ़े मां-बाप के इकलौते बेटे थे. वो अपने पीछे 6 बेटियों को छोड़ गए हैं.
पांच जवानों की शहादत के अलावा एक जवान के पिता की भी गोली लगने की वजह से मौत हो गई.
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हिंदू-मुस्लिम का भेद करने वालों के लिए मिसाल हैं सुंजवां के ये पांचों शहीद
एबीपी न्यूज़
Updated at:
12 Feb 2018 07:50 AM (IST)
इस आतंकी हमले में 50 साल के जेसीओ मदल लाल चौधरी, सेना के जवान मोहम्मद अशरफ, हबीबुल्ला कुरैशी, मोहम्मद इकबाल और मंजूर अहमद शहीद हो गए.
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