नई दिल्ली: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्या मुस्लिम पक्ष पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा? इसको लेकर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे जफ़रयाब जिलानी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा है कि 17 नवंबर को एआईएमपीएलबी की बैठक में मुस्लिम पक्ष अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में निर्णय करेंगे .


सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन कहा था कि "मस्जिद अनमोल है. पांच एकड़ क्या होता है? 500 एकड़ भी हमें मंजूर नहीं." जिलानी ने कहा था कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता है, लेकिन निर्णय पर असहमति प्रत्येक नागरिक का अधिकार है. उन्होंने कहा था कि वह समीक्षा याचिका दायर करेंगे. लेकिन अंतिम निर्णय कानूनी टीम के साथ विचार-विमर्श करने के बाद भी लेंगे.


इससे पहले रविवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने भी कहा था कि बोर्ड की सामान्य बैठक आगामी 26 नवंबर को संभावित है. उसमें ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अयोध्या में सरकार द्वारा दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन ली जाए या नहीं.


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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि अयोध्या का विवादित स्थल हिंदू पक्ष को सौंप दी जाए और अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाए.


सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया था कि केन्द्र सरकार 1993 में अयोध्या में अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहीत की गयी करीब 68 एकड़ भूमि में से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित कर सकती है या फिर राज्य सरकार अयोध्या में ही किसी अन्य उचित प्रमुख जगह पर भूखंड का आबंटन कर सकती है.


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