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शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का आदेश, कहा- शब-ए-बारात पर कब्रिस्तान और दरगाहों पर न जाएं लोग
गौरतलब है कि इस्लामिक मान्यता के अनुसार शब-ए-बारात मगफिरत की रात है. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते वक्फ बोर्डों के द्वारा यह अपील की गई है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने देश में लागू लॉकडाउन को नज़र में रखते हुए 9 अप्रैल को शब-ए-बारात में आम जनता को कब्रिस्तान, दरगाह और मजारों पर जाने से रोकने के आदेश जारी कर दिये है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसएम शोएब ने बताया कि बोर्ड ने प्रदेश में सभी सुन्नी वक्फ स्थलों के मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी कर दिये है.
आपको बता दें शब-ए-बारात इस्लाम के मानने वाले लोगों के लिए मगफिरत (क्षमा) की रात है जिसका अपना खास महत्व है. इस मौके पर मुसलमान अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर फातिहा पढ़ते और उनकी मगफिरत के लिए दुआ करते हैं. उन्होंने कहा कि मुतवल्ली आम लोगों को अपने-अपने घरों में ही इबादत करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि बंद की किसी भी कीमत पर अवहेलना ना हो.
इन निर्देशों का पालन करना सभी मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी. शोएब ने एक अन्य आदेश में सुन्नी वक्फ संपत्तियों के मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों से यह भी कहा कि वे खासतौर पर पैदल अपने गंतव्य की ओर लौट रहे भूखे-प्यासे लोगों को खाने-पीने की चीजें, दवाएं तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराएं. ऐसा करना सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है.
उधर, उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने भी शब-ए-बारात पर सभी शिया वक्फ क़ब्रिस्तानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान परिसर में रहने वाले कर्मचारियों से कहा गया है कि वह कब्रों के ऊपर साफ-सफाई के साथ-साथ उन पर रोशनी भी करें.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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