(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET और JEE की परीक्षाओं पर आनंद कुमार बोले- सरकार को अपने फैसले पर दोबारा करना चाहिए विचार
सुपर 30 के संस्थापक व गणितज्ञ आनंद कुमार ने सरकार के नीट और जेईई की परीक्षाओं के होने के फैसले पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा सरकार को अपने फैसले पर एक बार और विचार करना चाहिए.
दिल्ली: कोरोना काल में नीट और जेईई की परीक्षाओं को लेकर देश भर में चर्चा शुरू हो गई है. सरकार ने साफ कर दिया है कि नीट और जेईई की परीक्षाएं अपने समय अनुसार होंगी. वहीं सरकार के इस फैसले से तमाम तरह की टिप्पणी देखने को मिल रहीं है. कुछ लोग इस फैसले का समर्थन करते हुए नज़र आ रहे है. तो वहीं, कुछ इसका विरोध करते दिख रहें हैं.
इसी कड़ी में सुपर 30 के संस्थापक व गणितज्ञ आनंद कुमार ने भी अपने विचार रखें है. आनंद कुमार का कहना है कि बहुत दिनों से नीट, जेईई को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी. सरकार ने अच्छा किया कि परीक्षा होंगी इसका अनाउंस कर दिया. सरकार ने 1 सितंबर से 5 सितंबर तक परीक्षा की तिथी की घोषणा की है. मगर मेरी सरकार से गुजारिश है कि इस फैसले पर वो एक बार और विचार करें. छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों पर दबाव बना रहे हैं या उनके दबाव से प्रभावित हो रहे हैं.
सितंबर पहले सप्ताह में परीक्षा होनी है उसमें कई समस्याएं हैं. छात्रो के लिए पहले जाना बहुत इंपोर्टेंट है, परीक्षा के क्रम में कोई बच्चा अगर मास्क लगाकर जाता है तो उसे 3 घंटे तक वैसे ही मास्क लगाए रखना पड़ेगा. जिसके चलते वो खुद को कंफर्टेबल नहीं महसूस कर पायेगा. छात्र अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाएगा, अगर वो कोरोना पीड़ित हो गया तो भी बहुत बुरा होगा. इस तरह से खतरा है, माता-पिता अगर ध्यान से सुने तो एक साल से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
बहुत लोग कहते है कि एक साल अगर बच्चे को ड्राप करा दिया जाए और अगले साल हमें कोरोना की वैक्सीन मिल जाए तो अगले साल परीक्षा हो जाएंगी. लेकिन अगले साल दो बैच हो जाएंगे. उसमें दो तीन माह का गैप कर और एक का सिलेबस थोड़ा रिड्यूस करके जल्दी पढ़कर भी मैनेज किया जा सकता है. आनंद कुमार का कहना है कि एक कमिटी सरकार बनाये लोगों से राय ले चुकी सरकार के पास भी अच्छे-अच्छे लोग हैं.
वाइसचांसलर से लेकर डायरेक्टर है तो वो एक प्रावधान निकाल सकते हैं और मेरा यही सरकार से अनुरोध है कि अच्छा होगा कि परीक्षा को कुछ महीने और बढ़ाया जाए. कुछ चीजें और नॉर्मल हो जाएं. पहले जो बीमारी का दौर था उसमें कुछ कंट्रोल हुआ है पर कुछ और कंट्रोल हो जाये तो अच्छा होगा.
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