Supertech Twin Tower: क्या समय पर गिर पाएगा ट्विन टावर? संशय बरकरार, नोएडा पुलिस के साथ किस झमेले में उलझे बिल्डर्स
2 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक दोनों टावर में विस्फोटक लगाने के आदेश थे. दोनों टावर के अलग-अलग फ्लोर के पिलर में 10 हजार सुराख किये गये. इन सुराखों में 3700 किलो विस्फोटक भरा जाना है.
Demolition of Supertech Twin Towers: नोएडा (Noida) के सेक्टर 93 स्थित भ्रष्टाचार की मिसाल बने सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को गिराने की तारीख को लेकर फिर से संशय गहरा रहा है. 2 अगस्त से बिल्डिंग में विस्फोटक लगाने का काम होना था लेकिन नोएडा पुलिस (Noida Police) की तरफ से जरूरी एनओसी नहीं मिलने की वजह से अभी तक विस्फोटक ट्विन टावर नहीं पहुंच सका है.
इससे पहले ट्विन टावर को 22 मई को गिराया जाना था लेकिन दोनों टावर ध्वस्तीकरण के लिए तैयार नहीं थे इस वजह से एडिफाइस इंजीनियरिंग जिनकी देखरेख में ध्वस्तीकरण होना है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस टावर को गिराए जाने के लिए और वक्त मांगा था. जिसके बाद कोर्ट ने उनको राहत देते हुए 28 अगस्त तक का समय दिया था. इसके बाद नोएडा अथॉरिटी, एडिफाइस इंजीनियरिंग के बीच बैठक में टावर को 21 अगस्त को गिराए जाने पर सहमति बनी लेकिन फिर भी इन टावर के ध्वस्तीकरण की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है.
टॉवर में किस तारीख से फिट होने थे विस्फोटक?
2 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक दोनों टावर में विस्फोटक लगाने के आदेश दिए गए थे. इसके लिए बकायदा दोनों टावर के अलग-अलग फ्लोर के पिलर में लगभग 10 हजार सुराख किये गये थे. 20 अगस्त तक इन सभी सुराखों में 3700 किलो विस्फोटक भरा जाना है. इसके बाद 21 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने की तारीख तय की थी.
विस्फोटकों को लगाने की प्रक्रिया आज से शुरू होनी थी लेकिन जरूरी एनओसी नहीं होने की वजह से आज से टॉवरों में विस्फोटक नहीं लगाया जा सका. सूत्रों के मुताबिक नागपुर से चीफ एक्सप्लोसिव कंट्रोलर से जरूरी गाइडलाइन अभी तक नोएडा पुलिस के पास नहीं पहुंची है. जिसकी वजह से नोएडा पुलिस की तरफ से विस्फोटक को ट्विन टावर तक लाने के लिए अभी तक जरूरी NOC नहीं जारी की गई है.
कब से लगाया जा सकता है विस्फोटक?
हालांकि सूत्रों के मुताबिक आज शाम तक एक्सप्लोसिव कंट्रोलर के आगरा स्थित रीजनल ऑफिस से गाइडलाइन मिल जाएगी जिसके बाद नोएडा पुलिस की तरफ से भी NOC दे दी जाएगी. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्विन टावर में कल से विस्फोटक लगाया जाएगा.
आपको बता दें कि अगर आज शाम तक NOC मिल जाती है तो कल सुबह 4 बजे पुलिस की निगरानी में दो गाड़ियों से विस्फोटक ट्विन टावर में लाया जाएगा. एक गाड़ी में जिलेटिन की रॉड जबकि दूसरी गाड़ी में डेटोनेटर आयेंगे. ट्विन टावर के ऊपरी हिस्से से विस्फोटक लगाने का काम शुरू किया जाएगा.
कितनी मंजिल के हैं टावर?
सूत्रों के मुताबिक रोजाना 200 किलो विस्फोटक ट्विन टावर्स में लगाया जाएगा. 32 मंजिला टावर में 10 हजार छेद किए गए हैं. इन छेदों में ही विस्फोटक भरे जाएंगे. इससे पहले ट्विन टॉवर को फाइबर क्लॉथ से ढक दिया गया है. ताकि ब्लास्ट का मलबा पास की सोसायटी में नहीं जाए. ट्विन टावर के पास की रिहायशी सोसायटी को एहतियाती गाइडलाइन जारी की गई हैं.
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट उदयभान तेवतिया ने एबीपी न्यूज को बताया कि 21 अगस्त को सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक जितने भी रेजिडेंट होंगे और वहां पर खड़ी जितनी भी गाडियां होंगी उन सबको हटा देंगे. इसके बाद पुलिस सोसायटी का हैंडओवर ले लेगी. इवैकुएशन को लेकर नोएडा अथॉरिटी को लेकर अभी और गाइडलाइन आ जाएगी. इन 9 घंटों के दौरान अथॉरिटी सोसायटी के लोगों के लिए अरेंजमेंट करती है तो ठीक है, नहीं तो हमारे रेजिडेंट अपना इंतजाम करने के लिए राजी हैं.
कमजोर हैं इस बिल्डिंग के पिलर
यही नहीं, ट्विन टॉवर से महज 9 मीटर की दूरी पर स्थित सुपरटेक एमराल्ड की स्ट्रक्चरल ऑडिट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. तेवतिया के मुताबिक सुपरटेक एमराल्ड सोसायटी ने अपने करीब 500 पिलर का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया था जिसमें सभी पिलर्स कमजोर स्थिति में हैं. तेवतिया का कहना है कि हमने प्राइवेट कंपनी से अपने सोसायटी के 500 कॉलम का स्ट्रक्चर ऑडिट कराया था और ये सारे 500 कॉलम कमजोर पाए गए हैं. इनमें से कुछ पिलर्स की मरम्मत कराई जा चुकी है और बाकी के पिलर की भी मरम्मत कराई जाएगी.
प्लास्टिक की चादर से ढके जाएंगे टावर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 32 और 31 मंजिला ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद उड़ने वाली धूल से पर्यावरण को काफी नुकसान होने का अंदेशा है. इसीलिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने टावर को सफेद और काले जिओ फाइबर से घेर दिया है. साथ ही बगल की सोसायटी एटीएस विलेज के एक हिस्से को भी जियो फाइबर क्लॉथ से ढका गया है. इसके अलावा सुपरटेक एमरल्ड के ग्रीन कवर को धूल से बचने के लिए हमने एक और प्लान बनाया गया है. इसमें टावर के आसपास के फूल-पौधों को प्लास्टिक की चादर से भी ढका जाएगा.
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