Supreme Court: सुनवाई के दौरान CJI के सामने व्हिस्की की दो बोतलें लेकर पहुंच गए वकील, जस्टिस चंद्रचूड़ हुए हैरान, जानिए क्या हुआ आगे
पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर स्थित जेके एंटरप्राइजेज को 'लंदन प्राइड' ट्रेडमार्क के तहत एल्कोहोलिक बेवरेज बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की अपील खारिज कर कर दी थी.
Supreme Court Chief Justice: अपने फैसलों और किसी भी मामले में सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणियों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान काफी हैरान रह गए. दरअसल, शुक्रवार (5 जनवरी) को दो शराब कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क उल्लंघन विवाद की सुनवाई के दौरान उनके सामने वकील मुकुल रोहतगी ने व्हिस्की की दो बोतलें पेश कर दीं.
सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर स्थित कंपनी जेके एंटरप्राइजेज को 'लंदन प्राइड' नाम के तहत पेय पदार्थ बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की अपील खारिज कर दी थी. इस फैसले के खिलाफ पेरनोड कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
बोतल देखकर निकली सीजेआई की हंसी
इस मामले में सुनवाई शुरू होते ही पेरनोड कंपनी के वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें अदालत के अंदर कंपनी के प्रोडक्ट को लाने की अनुमति दी जाए. अनुमति मिलते ही वह कंपनी की शराब की दो बोतलें ले आए और अपनी मेज पर रख दी. इस असामान्य दृश्य को देखकर जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा के साथ बेंच साझा कर रहे सीजेआई चंद्रचूड़ जोर से हंसे और मुकुल रोहतगी से कहा, "आप अपने साथ बोतलें लाए हैं?" इस पर रोहतगी ने सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि उन्हें दोनों उत्पादों के बीच समानता दिखानी है और बताना है कि इस मामले में कैसे ट्रेडमार्क का उल्लंघन हुआ है. इसलिए उन्होंने ऐसा किया है.
फिर अदालत ने सुनाया ये फैसला
यह सुनकर सीजेआई ने कहा, "मुद्दा यहां ट्रेड ड्रेस के बारे में है. बॉम्बे में मेरे एक फैसले में इस पहलू को शामिल किया गया है जिसमें बोतल का आकार शामिल था." रोहतगी की दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने एक नोटिस जारी किया और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए दो सप्ताह के बाद सुनवाई की तारीख दी. नोटिस जारी होने के बाद रोहतगी ने सीजेआई से पूछा कि क्या वह बोतलें अपने साथ ले जा सकते हैं. सीजेआई ने मुस्कुराते हुए कहा, "यस प्लीज."
क्या है पूरा विवाद?
पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर स्थित जेके एंटरप्राइजेज को 'लंदन प्राइड' ट्रेडमार्क के तहत मादक पेय बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की अपील को खारिज कर दिया था. रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ एक्शन की मांग की थी. कंपनी ने अदालत में दावा किया था कि जेके एंटरप्राइजेज ने 'ब्लेंडर्स प्राइड' ट्रेडमार्क और 'इंपीरियल ब्लू' बोतल को कॉपी किया है. रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज पर अपने ग्राहकों को धोखा देने के लिए 'लंदन प्राइड' मार्क का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने दिया था ये फैसला
उच्च न्यायालय ने तब कहा था कि दोनों ब्रांडों के उत्पादों में प्रीमियम या अल्ट्रा-प्रीमियम व्हिस्की शामिल हैं जिनके उपभोक्ता शिक्षित और समझदार प्रकार के हैं. पीठ ने अपने आदेश में कहा था, "पर्याप्त निश्चितता के साथ यह माना जा सकता है कि ऐसे उत्पादों के अधिकतर उपभोक्ता साक्षर होंगे और उनके पास ब्लेंडर्स प्राइड/इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड की बोतलों के बीच अंतर करने की उचित समझ होगी."
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