Supreme Court: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 30 सितंबर के लिए टली. दोनों ने बीजेपी नेता राजीव बब्बर की तरफ से दाखिल मानहानि केस रद्द करने की मांग की है. हाई कोर्ट ने इससे मना कर दिया था.


शिकायतकर्ता राजीव बब्बर की वकील ने शुक्रवार (27 सितंबर 2024) को जजों को बताया कि उनकी तरफ से कैविएट दाखिल किए जाने के बावजूद रजिस्ट्री ने उन्हें यह मामला आज सुने जाने की जानकारी नहीं दी. इस पर जस्टिस ऋषिकेश राय और एस वी एन भट्टी की बेंच ने सुनवाई सोमवार के लिए टाल दी.


वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप लगाया था


आतिशी और केजरीवाल ने दिसंबर 2018 में बीजेपी के इशारे पर दिल्ली में अग्रवाल समाज के 4 लाख वोटरों का नाम लिस्ट से काटने का आरोप लगाया था. बाद में उन्होंने कुल 30 लाख का भी नाम काटने का आरोप लगाया. उन्होंने बनिया वर्ग के अलावा पूर्वांचली और मुस्लिम मतदाताओं का भी नाम काटे जाने की बात कही. इसे झूठा आरोप बताते हुए बीजेपी नेता मानहानि का केस दाखिल किया था.


मामले को रद्द करने से मना करते हुए 2 सितंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों ने राजनीतिक लाभ पाने के लिए बिना सबूत एक पार्टी पर आरोप लगाए. इसे सही नहीं माना जा सकता. इसलिए दोनों को निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना चाहिए. दोनों को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने दोनों को 3 अक्टूबर 2024 को पेश होने का आदेश दिया है.


केजरीवाल के दावों पर भड़के बीजेपी नेता


केजरीवाल ने दावा किया था, "अग्रवाल समाज बीजेपी का कट्टर वोटर था, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद से ये लोग बीजेपी से नाराज थे. इसी वजह से बीजेपी ने इनके वोट ही कटवा दिए." अरविंद केजरीवाल के दावों के मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए बीजेपी नेता राजीव बब्बर आरोप लगाया कि केजरीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ भड़काने की कोशिश की.


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