नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से जल्द तलाक लेना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल अप्रैल के एक सुर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट उमर अब्दुल्ला की इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है.


सर्कुलर के अनुसार, किसी मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जल्दी अंतिम सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को सहमत होना होगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमणियम की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


शुरू में अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वैवाहिक मामले में अन्य पक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जल्द अंतिम सुनवाई के लिए सहमति नहीं दे रहा है. उन्होंने दलील दी कि दूसरा पक्ष सुनवाई अदालत के समक्ष कार्यवाही में उपस्थित हुआ है. पीठ ने सिब्बल से कहा, 'क्या हम किसी को सहमति देने के लिए मजबूर कर सकते हैं?' मामले में अगली सुनवाई अब दो दो सप्ताह के बाद होगी.


क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल 2020 के सर्कुलर को चुनौती देने वाली अब्दुल्ला की याचिका को पिछले साल तीन नवंबर को खारिज कर दिया था. उमर ने दलील दी थी कि सुनवाई अदालत के 2016 के एक आदेश के खिलाफ उनकी विवाह संबंधी अपील फरवरी 2017 से अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है. सुनवाई अदालत ने उनकी तलाक याचिका को खारिज कर दिया था.


कोविड-19 महामारी के मद्देजनर अदालतों के सीमित कामकाज के दौरान इस पर सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि उनकी अलग हो चुकीं पत्नी पायल अब्दुल्ला ने डिजिटल कार्यवाही के लिए सहमति नहीं दी थी. अब्दुल्ला ने दलील दी कि अलग हो चुकीं अपनी पत्नी की ओर से सहयोग नहीं मिलने के कारण मामले में देरी हो रही है. हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर कोई राहत देने नहीं थी कि अलग हो चुकीं पत्नी से सहयोग नहीं मिलना अदालत के पिछले साल के 26 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने के लिए आधार नहीं है.


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