नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली से पहले आज पटाखों पर बड़ा फैसाल सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक देशभर में पटाखों की बिक्री, उत्पादन और जलाने पर रोक नहीं होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बेहद कड़ी शर्तों के साथ बिक्री, उत्पादन और जलाने की इजाजत दी है. सबसे अहम बात है कि कोर्ट ने पटाखे जलाने का समय तय कर दिया है.


पहली बड़ी बात: पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
पटाखा कारोबारियों को डर था कि अगर सुप्रीम कोर्ट से उनके खिलाफ फैसला आया कतो धंधा सचौपट हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट सभी पटाखा विक्रेताओं को राहत जरूर दी है. कोर्ट ने कहा है कि कम प्रदूषण वाले पटाखे ही बनाए और बेचे जाएंगे. तय डेसीबल मानक वाले पटाखे ही बेचे जा सकते हैं. सिर्फ लाइसेंस धारक ही पटाखों की बिक्री कर सकते हैं.


इसके साथ ही कोर्ट ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है. दरअसल पिछले साल जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री के पर रोक लगाई थी. उस दौरान ऑनलाइन पटाखों की जमकर बिक्री हुई थी, सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने यह बात उठाई गई.


दूसरी बड़ी बात: पटाखों के उत्पादन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
पटाखों के उत्पादन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ लाइसेंस धारक ही पटाखों का बना सकते हैं. इसके साथ ही कम वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बनाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही शहर के बाहर ही खुले मैदान में पटाखे बेचे जाएं.

तीसरी बड़ी बात: पटाखे जलाने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
पटाखे जलाने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ इजाजत दी है. कोर्ट ने दीवाली पर रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे जलाने की इजाजत दी है. इसके अलावा न्यू ईयर और क्रिस्मस पर सिर्फ बीस मिनट (रात 11.55 से लेकर 12.15 बजे तक) की पटाखे चलाने की इजात दी गई है. कोर्ट ने कहा है कि संभव को किसी एक खुले स्थान पर समुदाय के लोग इकट्ठे होकर पटाखे चलाएं.


28 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था, केंद्र सरकार रोक के खिलाफ
28 अगस्त को जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण ने दलील पूरी होने के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र सराकर पटाखा बिक्री पर रोक लगाए जाने के खिलाफ है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि पटाखों के उत्पादन को लेकर नियम बनाए जा सकते हैं. पटाखों में एल्युमिनियम और बेरियम जैसी सामग्री का इस्तेमाल रोकना सही होगा.


पूरे देश में बैन लगाने की थी मांग
इसके साथ ही तमिलनाडु के पटाखा बिक्रेताओं ने कहा था पिछले साल कोर्ट ने बिना किसी ठोस रिसर्च के बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिससे कई लोगों का रोजगार प्रभावित किया. कोर्ट ने पिछले साल दीवाली पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी. याचिकाकर्ता इसे पूरे देश मे लागू करने की मांग कर रहे थे.


पिछले साल दिल्ली एनसीआर में लगाई थी रोक
पिछले साल सु्प्रीम कोर्ट ने सितंबर में शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री का आदेश दिया था. लेकिन बाद में अक्टूबर में एक फिर आदेश सुनाते हुए बिक्री पर रोक लगा दी थी. फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो रोक के साथ यह देखना चाहते हैं कि क्या इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आती है.