नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को कुछ शर्तों के साथ ब्रिटेन, जर्मनी और स्पेन जाने की इजाजत दे दी. इन शर्तों में यह भी शामिल है कि वह विदेशी बैंक में अपना कोई खाता न तो खोलेंगे और न ही बंद करेंगे.


कार्ति चिदंबरम भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. इनमें एक मामला 305 करोड़ रुपये विदेश से हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी से जुड़ा है. यह मामला तब का है जब उनके पिता वित्तमंत्री थे.


चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कार्ति को 19 से 27 मई की अवधि में विदेश जाने की अनुमति दे दी. न्यायालय ने कार्ति को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने शर्तों का उलंघन किया तो उसके उलटे परिणाम हो सकते हैं.


पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘कार्ति कोई विदेशी बैंक खाता नहीं खोलेंगे और न ही कोई खाता बंद करेंगे और विदेश में किसी भी संपत्ति का सौदा नहीं करेंगे.’’न्यायालय ने कार्ति को यह लिखित हलफनामा देने का निर्देश दिया है कि वे उन पर लगाई गई शर्तों का पालन करेंगे और कोर्ट को अपने विदेश यात्रा से संबंधित सभी जरूरी जानकारी देंगे.


कोर्ट ने कहा कि विदेश जाने से पहले अगर हलफनामा दायर नहीं किया जाता है तो याचिकाकर्ता को विदेश जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्ति को विदेश यात्रा की अनुमति का किसी भी अदालत में, किसी भी अपराध में नियमित जमानत के लिए इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. पीठ ने कार्ति से कहा कि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा और वापस आने पर अपना पासपोर्ट जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय को लौटाना होगा.