Revanth Reddy News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से न्यायपालिक को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर सफाई मांगी है. रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत को राजनीतिक डील कहा था. कोर्ट ने राजनीतिक झगड़े को अदालत में घसीटने पर नाराजगी जताई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च पद पर बैठे लोगों से जिम्मेदार आचरण की अपेक्षा की जाती है. हालांकि, रेवंत रेड्डी ने अपने बयान के बाद खेद जताया था. 


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कविता को दिल्ली शराब नीति मामले में 27 अगस्त को जमानत दी. अदालत ने माना कि किसी अपराध को दोषी ठहराए जाने से पहले लंबे समय तक कैद में रहने को बिना सुनवाई के सजा नहीं बनने दिया जाना चाहिए. अदालत के फैसले के बाद तेलंगाना सीएम ने कहा, "यह एक फैक्ट है कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के लिए काम किया था. ऐसी भी चर्चा है कि कविता को बीआरएस और बीजेपी के बीच समझौते के कारण जमानत मिली है."


रेवंत रेड्डी को पहले भी लगी सुप्रीम कोर्ट से फटकार


सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी तेलंगाना सीएम को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था, "क्या हम राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के बाद आदेश पारित करते हैं?" रेवंत रेड्डी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से कोर्ट ने कहा, "क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? बस वही पढ़ें जो उन्होंने कहा है. एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री का यह कैसा बयान है. इससे लोगों के मन में आशंका पैदा हो सकती है. क्या यह एक तरह का बयान है, जो एक मुख्यमंत्री को देना चाहिए? एक संवैधानिक पदाधिकारी इस तरह बोल रहे हैं."


रेवंत रेड्डी ने मांग ली थी माफी


वहीं, जब तेलंगाना सीएम के इस बयान को लेकर उनकी आलोचना होने लगी तो उन्होंने तुरंत माफी भी मांग ली. उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि 29 अगस्त, 2024 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मेरे हवाले से की गई टिप्पणियों से यह आभास हुआ है कि मैं माननीय न्यायालय की न्यायिक बुद्धिमत्ता पर सवाल उठा रहा हूं. मैं दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में पूरी तरह से विश्वास रखता हूं. मैं मीडिया रिपोर्ट्स में छपे बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं."


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