नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठा दिए हैं. कोर्ट ने गुरुवार को पूछा कि इस प्रक्रिया में सिर्फ एक ही कंपनी को मौका क्यों दिया गया? कोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में खरीद से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है.


क्या है मामला


मामला 2007 में छत्तीसगढ़ में ऑगस्टा वेस्टलैंड कंपनी के हेलीकॉप्टर की खरीद का है. स्वराज अभियान ने आरोप लगाया है कि इस सौदे में लगभग 10 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी हुई है. सौदा 17 करोड़ रुपए तक में हो सकता था. लेकिन इसके लिए करीब 42 करोड़ रुपए दिए गए.


आज की दलीलें


सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के वकील महेश जेठमलानी ने आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर की कीमत में हर साल बदलाव होता है. याचिकाकर्ता बिना किसी ठोस सबूत के पुरानी कीमत को आधार बना कर आरोप लगा रहे हैं.


स्वराज अभियान के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि टेंडर निकालते वक्त चीफ सेक्रेट्री की बात को महत्व नहीं दिया गया. उन्होंने ग्लोबल टेंडर निकाल कर तीन कंपनियों को मौका देने की सलाह दी थी. लेकिन टेंडर सिर्फ ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए जारी किया गया. इसके बाद मध्यस्थ कंपनियों से सौदेबाजी की गई.


इसका जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने कहा कि जिस तरह के हेलीकॉप्टर की ज़रूरत राज्य सरकार को थी, वैसा हेलीकॉप्टर सिर्फ ऑगस्टा वेस्टलैंड कंपनी ही बनाती है. हमने सिर्फ ये देखा कि किस तरीके से ये हेलीकॉप्टर सबसे कम कीमत पर हमें मिल सकता है.


कोर्ट ने मांगी खरीद की फाइल


हालांकि, जस्टिस एके गोयल और युयु ललित की बेंच इस दलील से आश्वस्त नज़र नहीं आई. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक ही कंपनी का हेलीकॉप्टर लेने की बात क्यों की गई? खरीद के दौरान मध्यस्थ कंपनी से पैसों का लेन-देन किस तरह हुआ? ये सब देखना जरूरी है. इसलिए राज्य सरकार सौदे से जुड़े मूल दस्तावेज कोर्ट को दे.


इस मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी. उस दिन राज्य सरकार को हेलीकॉप्टर खरीद के कागजात पेश करने होंगे. याचिका में झारखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में भी वीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद पर सवाल उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा है कि वो अभी छत्तीसगढ़ के मामले को देखेगा.


सीएम के बेटे पर आरोप


आज स्वराज अभियान के वकील प्रशांत भूषण ने इस सौदे में सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक के शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सौदे के 6 महीने के बाद अभिषेक सिंह ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में खाता खोला. हालांकि, वो ये नहीं बता पाए कि इस कथित खाते में कोई रकम ट्रांसफर हुई या नहीं.


एटॉर्नी जनरल ने उठाया अलग सवाल


सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने मामले गोपनीय कागज लीक होने पर सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट जो भी फैसला करना चाहे करे. लेकिन जो दस्तावेज कोर्ट में रखे गए हैं, वो गोपनीय हैं. पिछले कुछ समय में लगातार गोपनीय कागज़ात के आधार पर याचिकाएं दाखिल की गई हैं. कोर्ट को इस पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए कि कहीं इन्हें गैरकानूनी तरीकों से तो हासिल नहीं किया जा रहा.