नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग कर रहे आईपीएस परम बीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर से कहा है कि वह बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि परम बीर सिंह ने अपनी याचिका में देशमुख को पक्ष क्यों नहीं बनाया?
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाकर डीजी होमगार्ड के पद पर ट्रांसफर किए गए परम बीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध उगाही का सनसनीखेज आरोप लगाया था. उन्होंने यह कहा था कि एंटीला विस्फोटक मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से देशमुख सीधे संपर्क में थे. उन्होंने वाझे को हर महीने 100 करोड रुपए की अवैध उगाही करने का निर्देश दिया था. अपने इसी आरोप की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग परम बीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से की थी. उन्होंने अपने ट्रांसफर के आदेश पर भी रोक की मांग की थी.
याचिकाकर्ता हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?- सुप्रीम कोर्ट
मामला आज जस्टिस संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की बेंच में लगा. परम बीर सिंह की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए. शुरुआत में ही जजों ने उनसे पूछ लिया कि उन्होंने अपनी याचिका में अनिल देशमुख को पजश क्यों नहीं बनाया है? जिसके खिलाफ जांच की मांग की जा रही है, उसे सुने बिना कोई आदेश कैसे दिया जा सकता है? जजों का दूसरा सवाल था कि यह याचिका सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों दाखिल की गई? याचिकाकर्ता हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?
रोहतगी ने पहले सवाल के जवाब में कहा कि वह आधे घंटे के भीतर एक संशोधित आवेदन दाखिल कर देंगे. उस आवेदन में अनिल देशमुख को भी पक्ष बनाया जाएगा. इसलिए, सिर्फ इस तकनीकी वजह से सुनवाई न रोकी जाए. सीधे सुप्रीम कोर्ट आने के सवाल पर रोहतगी ने कहा कि यह मसला राष्ट्रीय महत्व का है. दूसरे राज्यों में भी पुलिस अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव की बात होती रहती है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट को इसे देखना चाहिए. वरिष्ठ वकील ने यह भी कहा कि एंटीला विस्फोटक कांड की जांच एनआईए कर रहा है. यह मामला भी उस से जुड़ा है. इसलिए, इसकी जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए.
हम आपकी दलीलों से सहमत नहीं, हाई कोर्ट जाइए- सुप्रीम कोर्ट
रोहतगी की दलीलों से जज संतुष्ट नहीं हुए. पुलिस अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव की बात पर जस्टिस कौल ने कहा, "किसी भी राज्य ने प्रकाश सिंह मामले में पुलिस सुधार को लेकर दिए गए हमारे फैसले को लागू नहीं किया है. यही वजह है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव की बात सामने आती रहती है." जज ने आगे कहा, "फिर भी इस बात पर चर्चा का यह सही मौका नहीं है. हम आपकी दलीलों से सहमत नहीं है. हमारा मानना है कि आपने जो मांग याचिका में रखी है, उसकी सुनवाई करने में हाई कोर्ट सक्षम है. आपको वहीं जाना चाहिए.
हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर देंगे- परमबीर के वकील
बॉम्बे हाई कोर्ट में मामले की सीबीआई जांच की के लिए याचिका दाखिल कर चुकी याचिकाकर्ता जयश्री पाटिल की तरफ से पेश वकील गुणरत्न सदावर्ते ने भी मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में ही किया जाने पर जोर दिया. हालांकि, जजों ने कहा कि उनका इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है. इसलिए, यहां उनकी बात नहीं सुनी जा सकती. सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त कर पाने में नाकाम रहने के बाद मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह आज ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर देंगे. मामला गंभीर है. देशमुख के घर के सीसीटीवी को तुरंत ज़ब्त किया किया जाना जरूरी है. इसलिए हाई कोर्ट को निर्देश दिया जाए कि वह कल मामले को सुन ले.
जजों ने अपने लिखित आदेश में यह माना है कि यह मामला गंभीर है. लेकिन उन्होंने हाई कोर्ट को अपनी तरफ से कोई निर्देश नहीं दिया. आदेश में सिर्फ यही नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता के वकील हाई कोर्ट में कल ही सुनवाई चाहते है. वह इसके लिए हाई कोर्ट में आवेदन देंगे.
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