नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि उसे 10 दिन के भीतर लोकपाल की नियुक्ति के बारे में एक समय सीमा की जानकारी से अवगत कराया जाए. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की बेंच ने यह निर्देश उस वक्त दिया जब अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सरकार से मिले लिखित निर्देश उनके सामने पेश किये और कहा कि लोकपाल चयन समिति की शीघ्र ही बैठक होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को 10 दिन के भीतर इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इस हलफनामे में यह संकेत दिया जाना चाहिए की इस नियुक्ति के बारे में क्या कदम उठाये जाने हैं और इसकी समय सीमा क्या है. अटार्नी जनरल ने जब लिखित निर्देशों के प्रासंगिक पैराग्राफ का जिक्र किया तो बेंच ने कहा कि हम चाहते हैं कि संबंधित अधिकारी हलफनामे पर कहें वो जो कुछ भी कहना चाहते हैं.
गैर सरकारी संगठन कॉमन काज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण ने कहा कि साढ़े चार साल बाद भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो पाई है. इसी संगठन ने लोकपाल की नियुक्त को लेकर याचिका दायर की थी और अब सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल 27 अप्रैल के फैसले के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने के कारण अवमानना याचिका दायर की है.
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार द्वारा लोकपाल की नियुक्ति नहीं किये जाने तक संविधान के अनुच्छेद 142 में मिले अधिकार का इस्तेमाल कर इसकी नियुक्ति करनी चाहिए. बेंच ने कहा कि इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले वो सरकार में सक्षम प्राधिकार का हलफनामा देखना चाहती है.
इसके साथ ही बेंच ने इस मामले की सुनवाई 17 जुलाई के लिये स्थगित कर दी और केन्द्र को इस मामले में 10 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.