नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से लगा एक बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के नेताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ दर्ज मामलों पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर फिलहाल रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय समेत 6 बीजेपी नेताओं ने याचिका दायर कर मांग की थी कि पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ गलत तरीके से दर्ज किए गए आपराधिक मुकदमों पर रोक लगाई जाए.
बीजेपी के 6 नेता जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अर्जुन सिंह, सौरव सिंह, पवन कुमार सिंह और कबीर शंकर बोस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ दर्ज मामले को स्वतंत्र जांच एजेंसी को ट्रांसफर करने और मामलों की सुनवाई राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
अंकित पीटीसी (सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश देते हुए कहा है कि इनके खिलाफ फिलहाल किसी भी तरह की कोई विरोधात्मक कार्रवाई ना की जाए.)
बीजेपी नेताओं की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सांसद अर्जुन सिंह से पूछा कि आपके खिलाफ ये 64 केस कब दर्ज़ हुए हैं!! अर्जुन सिंह के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि जबसे उन्होंने टीएमसी छोड़ी है उसी के बाद से लेकर नवंबर 2020 के बीच ये सारे केस दर्ज़ किये गए हैं. अर्जुन सिंह की तरफ से पेश हुए वकील ने दलील देते हुए कहा "मैं सांसद हूं और मेरे खिलाफ दंगा भड़काने के मुकदमें दर्ज कराए गए, जो राजनीति से प्रेरित हैं"
वहीं कैलाश विजयवर्गीय की तरफ से अदालत को बताया गया कि "मैं एमपी से सांसद हूं पार्टी पदाधिकारी हूं लेकिन जब से पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रचार के लिए पहुंचा उसके बाद से ही मेरे खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने लगे"
अंकित पीटीसी ( पश्चिम बंगाल पुलिस पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाती रही है बीजेपी)
सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश एसआरएस में कौन है क्योंकि बंगाल में अगले साल की पहली छमाही के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं और फिलहाल बीजेपी और टीएमसी के बीच इन चुनावों में सीधी टक्कर मानी जा रही है और बीजेपी नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि टीएमसी जानबूझकर उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की मदद से आपराधिक मामले दर्ज करवा रही है. बीजेपी ने चुनाव आयोग में भी यह है कि राज्य की पुलिस टीम के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही है.