घरेलू नौकरों के हितों की रक्षा को सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम, कहा- कानूनी व्यवस्था बनाने पर सुझाव देने के लिए कमिटी बनाए केंद्र
याचिकाकर्ता का कहना था कि नौकरानी को छुट्टी न देने, जबरन घर पर रोक कर रखने और मानव तस्करी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया, जबकि नौकरानी का विवाद उसको काम पर दिलाने वाली कंपनी से था.

सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू नौकरों के हितों के संरक्षण की जरूरत बताई है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस बारे में विचार के लिए कमिटी का गठन करे. जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने नौकरानी की तरफ से लगाए गए आरोपों के चलते एक व्यक्ति पर दर्ज केस को खत्म करते हुए सरकार को यह निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय को सामाजिक न्याय मंत्रालय, महिला और बाल कल्याण मंत्रालय और कानून मंत्रालय के साथ मिल कर इस विषय पर काम करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि सभी मंत्रालय मिल कर एक विशेषज्ञ कमिटी बनाएं जो घरेलू नौकरों के हितों की रक्षा के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने पर सुझाव दे. कोर्ट ने कहा है कि कमिटी अपने गठन के बाद 6 महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट देने का प्रयास करे. उसके बाद सरकार उस रिपोर्ट पर विचार कर आगे कार्यवाही करे.
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के एक व्यक्ति को राहत दी है, जिस पर पुलिस ने नौकरानी को छुट्टी न देने, जबरन घर पर रोक कर रखने के अलावा मानव तस्करी का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था. याचिकाकर्ता का कहना था कि नौकरानी का विवाद उसे काम पर लगवाने वाली एजेंसी से था. उन्हें बेवजह मामले में घसीट लिया गया. नौकरानी ने बाद में हाईकोर्ट से कहा भी था कि वह उनके खिलाफ केस जारी नहीं रखना चाहती, लेकिन हाईकोर्ट ने केस बंद नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ केस बंद कर दिया.
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