Delhi Liquor Policy Case: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को बहुत बड़ा झटका लगा है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर बाहर सत्येंद्र जैन की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 मार्च) को नियमित जमानत रद्द कर दी और उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया. आप नेता स्वास्थ्य कारणों से फिलहाल जमानत पर थे. सत्येंद्र जैन के अलावा, मामले में आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की भी जमानत याचिकाएं रद्द कर दी गईं. 


वो लगभग एक साल से मेडिकल बेल पर थे. मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन को ईडी ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें पिछले साल 26 मई को अंतरिम जमानत मिली थी. मनी लॉन्ड्रिंग केस में लगभग 1 साल जेल में रहने के बाद पिछले साल 26 मई को जैन को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत मिली थी. तब उन्हें 6 हफ्ते के लिए जमानत मिली थी लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ती गई. इसी तरह सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट से स्थायी जमानत की मांग की थी, जबकि ईडी ने इसका विरोध करते हुए उन्हें दोबारा जेल भेजने की मांग की. 


जमानत एक सप्ताह और बढ़ाने की थी अपील 


सत्येंद्र जैन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत एक सप्ताह के लिए और बढ़ाने की अपील की थी. कोर्ट से गुहार लगाते हुए वकील ने कहा कि कम से कम एक सप्ताह के लिए जमानत को बढ़ा दिया जाए लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने आदेश देते हुए सत्येंद्र जैन को सरेंडर करने के लिए कहा. आदेश के मुताबिक, उन्हें आज ही सरेंडर करना होगा.


क्या है पूरा मामला?


साल 2018 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की थी. आप नेता के खिलाफ सीबीआई ने साल 2017 में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर फाइल की थी. इस एफआईआर में सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिग का आरोप लगाया गया था. एफआईआर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग 4 कंपनियों के माध्यम से हुई जो सीधे-सीधे सत्येंद्र जैन से जुड़ी हुई हैं.  


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