नई दिल्ली: बैंकिंग लेनदेन में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने वाले रिज़र्व बैंक के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया. अप्रैल 2018 में RBI ने बैंकों को बिटकॉइन और बाकी क्रिप्टो करेंसी के ज़रिए कोई लेनदेन न करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह बहुत सख्त कदम है.





भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वालों की संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर रोक नहीं लगाई है. ऐसे में रिज़र्व बैंक को अपनी तरफ से इस तरह का आदेश देने का अधिकार नहीं था. रिज़र्व बैंक ने दलील दी थी कि बैंकिंग व्यवस्था को किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए इस तरह का कदम उठाना ज़रूरी था.


क्या है बिटक्वॉयन या वर्चुअल करेंसी?

क्रिप्‍टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टोकरेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकाइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्‍च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं. इस करेंसी को सरकार जारी नहीं करती है इसलिए उसे रेगुलेट भी नहीं कर सकती हैं. भले ही इसके नाम में करेंसी या क्वॉयन जुड़ा हो, लेकिन दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक मसलन, भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे जारी नहीं किया है.


इसको हम अपने घर या अपनी जेब में नहीं रख सकते. वर्चुअल करेंसी ना तो कागजी नोट के रुप में नजर आता है और ना ही धातु के सिक्के के तौर पर. लिहाजा वर्चुअल करेंसी ना तो नोट है और ना ही सिक्का.  यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है और अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है. सरकार या किसी भी नियामक ने किसी भी एजेंसी, संस्था, कंपनी या बाजार मध्यस्थ को बिटक्वॉयन जारी करने का लाइसेंस दे रखा है.


क्या हैं क्रिप्टो करेंसी से होने वाले नुकसान?

इंटरनेट करेंसी होने की वजह से इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. इस करेंसी को किसी भी सेंट्रल एजेंसी द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है इसलिए किसी ग्राहक का पैसा डूबने या विवाद को हल करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. बिटकॉइन के जरिए लेन-देन करने वालों को लीगल और फाइनेंशियल रिस्क उठाना पड़ता है. दरअसल इस करेंसी को लेकर उठने वाली समस्याओं को हल करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिटकॉइन का इस्तेमाल गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.


बिटकॉइन नहीं है ये है सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली क्रिप्टोकरेंसी

बिटकॉइन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली क्रिप्टोकरेंसी नही है. हालांकि डिजिटल एसेट की दुनिया में इसकी वैल्यू जरूर 70 फीसदी है. क्रिप्टकरेंसी से जुड़ी वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप डॉट कॉम. CoinMarketCap.com के आकड़ो के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी टीथर का इस्तेमाल होता है.30 गुना तक कम मार्केटकैप होने के बावजूद इसका दैनिक और मासिक ट्रेडिंग वॉल्यूम सबसे अधिक है.