सुप्रीम कोर्ट में पहली लाइव स्ट्रीमिंग: शेयर और रिकॉर्डिंग पर है रोक, जानें पूरी गाइडलाइन्स
Supreme Court: आज से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई हर शख्स घर बैठे ही देख सकता है. कोर्ट की सुनवाई लाइव स्ट्रीम की जा रही है. लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर गाइडलाइंस भी आ गई हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.
Supreme Court Hearing Live Streaming: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज से अपनी संविधान पीठ (Constitution Bench) की कार्यवाही (Proceedings) को लाइव स्ट्रीम (Live Stream) कर रहा है. अब लोग घर बैठे ही सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लाइव देख सकेंगे. लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं.
webcast.gov.in/scindia/ के माध्यम से कोर्ट की सुनवाई देखी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट यूट्यूब के माध्यम से की जा रही लाइव-स्ट्रीम को बाद में अपने सर्वर पर होस्ट कर सकता है. लाइव स्ट्रीम को लोग बिना किसी परेशानी के अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर देख सकते हैं.
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग गाइडलाइंस?
- अधिकृत व्यक्ति/इकाई के अलावा कोई भी व्यक्ति/इकाई (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित) लाइव स्ट्रीम की गई कार्यवाही या अभिलेखीय डेटा को रिकॉर्ड, साझा और/या प्रसारित नहीं करेगा.
- यह प्रावधान सभी मैसेजिंग एप्लिकेशन पर भी लागू होगा. इस प्रावधान के विपरीत कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति/संस्था पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा. रिकॉर्डिंग और अभिलेखीय डेटा में अदालत के पास विशेष कॉपीराइट होगा.
- लाइव स्ट्रीम का कोई भी अनधिकृत उपयोग भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और अवमानना के कानून सहित कानून के अन्य प्रावधानों के तहत अपराध के रूप में दंडनीय होगा.
- लाइव स्ट्रीम तक पहुंचने वाला कोई भी पक्ष/वादी व्यक्ति इन नियमों से बाध्य होगा.
- कोर्ट के पूर्व लिखित प्राधिकरण के बिना, लाइव स्ट्रीम को किसी भी रूप में पुन: प्रस्तुत, प्रेषित, अपलोड, पोस्ट, संशोधित, प्रकाशित या पुन: प्रकाशित नहीं किया जाएगा.
- न्यायालय द्वारा अपने मूल रूप में अधिकृत रिकॉर्डिंग के उपयोग की अनुमति समाचार प्रसारित करने और प्रशिक्षण, शैक्षणिक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दी जा सकती है. बताए गए उद्देश्यों के लिए सौंपी गई अधिकृत रिकॉर्डिंग को आगे संपादित या संसाधित नहीं किया जाएगा. ऐसी रिकॉर्डिंग का उपयोग किसी भी रूप में वाणिज्यिक, प्रचार उद्देश्यों या विज्ञापन के लिए नहीं किया जाएगा.
- कोई भी व्यक्ति न्यायालय द्वारा प्राधिकृत कार्यवाही के अलावा अन्य कार्यवाही को रिकॉर्ड करने या ट्रांसक्रिप्ट करने के लिए रिकॉर्डिंग डिवाइस का उपयोग नहीं करेगा.
शिवसेना के मामले में सुनवाई को किया लाइव स्ट्रीम
सुप्रीम कोर्ट ने आज पहली बार संविधान पीठ की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया. शीर्ष अदालत में आज संवैधानिक कानून के महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए तीन संविधान पीठ हैं. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली दूसरी संविधान पीठ, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है.
4 साल पहले दिया था फैसला
27 सितंबर, 2018 को, भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने संवैधानिक महत्व के मामलों में महत्वपूर्ण कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट या वेबकास्ट पर ऐतिहासिक निर्णय दिया था. जिसमें कहा गया था कि "सूर्य की रोशनी सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है."
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