Supreme Court News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है. राजनेताओं के विरोध प्रदर्शन पर बात करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर देश का आम आदमी भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन करने लगे? क्या उनपर भी दर्ज केस को रद्द कर दिया जाएगा?
हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धारमैया और रणदीप सिंह सुरजेवाला को राहत देते हुए आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अब उन्हें निचली अदालत में पेश नहीं होना पड़ेगा.
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट में रजिस्टर्ड इस केस के डिटेल में जो दर्ज किया गया है उसके मुताबिक कर्नाटक में बीजेपी सरकार के दौरान 2022 में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. कांग्रेस के नेता लोकसेवा कॉन्ट्रैक्ट में घोटाले का आरोप लगाते हुए ईश्वरप्पा का इस्तीफा मांग रहे थे.
इसी मामले से जुड़े एक ठेकेदार संतोष पाटिल ने खुदकुशी भी कर ली थी. वहीं सड़क बाधित करने को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, अब सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता को ही नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने हर तरह की कार्रवाई पर लगाई रोक
जज ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ ने कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता दोनों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि आगे की कार्यवाही रोक दी जाए. 26 फरवरी को सिद्धारमैया को निचली अदालत में पेश होना था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
अब 6 सप्ताह बाद मामले की सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने इस मामले में सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और मंत्री एमबी पाटिल और रामलिंगा पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माने पर भी रोक लगा दी है.