Supreme Court: कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के कथित इंडिया प्रमुख ने इसे आतंकी संगठन घोषित करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी है. पहले भी आतंकी घटनाओं में शामिल रहा साकिब नाचन इस समय आईएसआईएस से अपने संबंधों और भारत विरोधी गतिविधियों के केस में जेल में है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच के सामने साकिब दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ. जस्टिस सूर्य कांत ने उससे कहा "हमने आपको पहले भी सलाह दी थी कि आप एमिकस क्यूरी (किसी मामले में कोर्ट की सहायता के लिए नियुक्त होने वाले वकील) के जरिए अपनी बात रखिए. आप सुनवाई में मौजूद रह सकते हैं. जहां जरूरी लगे वहां बोल भी सकते हैं."
साकिब नाचन का आतंकी इतिहास
जजों ने सलाह दी कि साकिब एमिकस क्यूरी से मिल कर उन्हें अपना केस समझाए. साकिब ने इस पर सहमति जताई. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी. साकिब नाचन को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था. वह कई लोगों के साथ मिल कर मुस्लिम युवाओं को ISIS में भर्ती कर रहा था. इन लोगों ने महाराष्ट्र के ठाणे के एक गांव को 'अल शाम' यानी इस्लामिक शासन वाला आजाद क्षेत्र घोषित कर दिया था. इनकी योजना भारत में आतंकी हमले करने और इस्लाम का शासन स्थापित करने की थी.
सिमी के पदाधिकारी रह चुका है साकिब
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का पदाधिकारी रह चुका साकिब पहले भी 2 आतंकी मामलों में सजायाफ्ता रहा है. इसमें 2002-2003 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन विले पार्ले और मुलुंड बम धमाकों का मामला शामिल है. इन आतंकी वारदातों में कई लोगों की जान गई थी. आरोप है कि 2017 में अपनी सजा पूरी करने के बाद से वह दोबारा कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल हो गया.