नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत कोरोना के साथ जीना सीख रही है. हालात के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट अपने कामकाज के तरीके में लगातार बदलाव कर रहा है. इनमें से कई बदलाव तो ऐसे हैं, जिनके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने अपना कामकाज पूरी तरह से बाधित नहीं होने दिया. लॉकडाउन के एलान के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई की व्यवस्था शुरू की. हफ्ते में तीन से 4 दिन जज जरूरी मामलों की सुनवाई करने के लिए बैठे. किसी दिन सिर्फ एक बेंच ने सुनवाई की तो कभी-कभी दो बेंच भी बैठी.


मीडिया के लिए विशेष बंदोबस्त
भारत में अदालतें ओपन कोर्ट सिस्टम के तहत काम करती हैं. इसलिए, पत्रकार कोर्ट में मौजूद रह कर कार्यवाही की रिपोर्टिंग करते हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि कार्यवाही को मीडिया देख सके. सुप्रीम कोर्ट की अतिरिक्त बिल्डिंग में बने विशेष कक्ष में मीडिया के लिए सुनवाई का लाइव वीडियो लिंक उपलब्ध कराया गया है.


जजों ने कोर्ट में बैठना शुरू किया
अब तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली सुनवाई में जज अपने घर से ही सुनवाई कर रहे थे. बेंच की अध्यक्षता करने वाले वरिष्ठ जज के घर पर बने दफ्तर में दूसरे जज उनके साथ बैठते थे. लेकिन अब इसे भी बदल दिया गया है. जजों ने सुप्रीम कोर्ट में बने कोर्ट रूम में बैठना शुरु कर दिया है. हालांकि, वकील अभी भी अपने घर या दफ्तर से ही जजों को संबोधित कर रहे हैं. कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि अगले हफ्ते से एक साथ कई बेंच बैठना शुरू कर देगी.


पहली बार सिंगल बेंच
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार एक जज वाली बेंच की व्यवस्था शुरू की गई है. अब तक यहां सिर्फ 2 या 2 से ज़्यादा जजों वाली बेंच की ही व्यवस्था थी. लॉकडाउन के दौरान जमा हो गए मुकदमों का बोझ कम करने के लिए नियमों में बदलाव कर सिंगल जज बेंच की व्यवस्था बनाई गई है. इस बेंच के जज 7 साल तक की सज़ा वाले अपराध में ज़मानत और अग्रिम ज़मानत के मामले देखेंगे. साथ ही, सिविल और क्रिमिनल केस एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने के आवेदन पर भी विचार कर सकेंगे.


कम होंगी छुट्टियां
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि इस बार गर्मी की छुट्टियां सिर्फ दो हफ्तों के लिए होंगी. अगर ऐसा होता है तो यह भी सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार होगा. कोर्ट में हर साल गर्मी में करीब डेढ़ महीने की छुट्टी होती है. यह छुट्टी मई के मध्य से शुरू होकर जुलाई के पहले हफ्ते तक जाती है. लेकिन पिछले 2 महीनों से नियमित तरीके से सुनवाई न हो पाने के चलते कोर्ट उस साल गर्मी की छुट्टियों को सीमित करने पर विचार कर रहा है.


ड्रेस कोड में बदलाव
सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने पेश होते समय वकीलों का ड्रेस कोड तय है. इसमें काला कोट और गाउन अनिवार्य है. लेकिन अब कोर्ट ने वकीलों का ड्रेस कोड में बदल दिया है. कोट और गाउन जैसे कपड़ों से कोरोना फैलने की आशंका के चलते फिलहाल उन्हें पहनने की ज़रूरत खत्म कर दी गयी है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए जजों के सामने पेश होते समय पुरुष वकील सफेद शर्ट और महिला वकील सफेद सलवार-कमीज या सफेद साड़ी पहनेंगे। गले पर सफेद बैंड भी लगाना होगा.