जज लोया की मौत: बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल दो मामले भी अब सुप्रीम कोर्ट सुनेगा
पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले के तथ्य सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में जमा कराए थे. मामले पर सुनवाई दोपहर 12 बजे के करीब होगी.
नई दिल्ली: सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की मौत के मामले से जुड़े बॉम्बे हाई कोर्ट के दो केस को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास ट्रांसफर कर लिया है और इस तरह जज लोया की मौत से जुड़े सभी केस की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए फरवरी महीने का पहला हफ्ता तय किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जज लोया की मौत के मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों की वो जांच करेंगे.
आज की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जज लोया की मौत की पूरी सावधानी और विवेकपूर्ण जांच की गई है और इसमें कोई साजिश नहीं पाई गई. तीन जजों की बेंच के सामने भी जज लोया की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना दर्ज किया गया है. पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले के तथ्य सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में जमा कराए थे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जज लोया की मौत का मामला सुर्खियों में है. इस घटनाक्रम के बाद मामले पर पहले सुनवाई कर रही बेंच के एक जस्टिस अरुण मिश्रा ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था, जिसके बाद आज चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच में सुनवाई हुई. कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला और पत्रकार बन्धुराज लोने की याचिकाओं में कहा गया है कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई करने वाले जज लोया की 2014 में संदिग्ध हालात में मौत हुई थी. सोहराबुद्दीन मामले में बड़े लोगों पर लगे आरोपों के मद्देनजर ये ज़रूरी है कि जज की मौत की निष्पक्ष जांच हो.क्या है पूरा मामला?
जज लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई थी, जब वह अपनी एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब उनकी बहन ने भाई की मौत पर सवाल उठाए थे. बहन के सवाल उठाने के बाद मीडिया की खबरों में जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन केस से उनके जुड़े होने की परिस्थितियों पर संदेह जताया गया था.
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का है ये मामला
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति के नवंबर 2005 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मी समेत कुल 23 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर किया गया.
जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई- नागपुर पुलिस
वहीं, नागपुर पुलिस ने जज लोया की मौत के चार साल बाद उनकी मौत की वजह का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया था. विसरा रिपोर्ट में जज लोया के शरीर में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया था. जज लोया के बेटे अनुज लोया ने भी पिछले दिनों कहा था कि उन्हें जज की मौत पर कोई संदेह नहीं है.