एक्सप्लोरर

'अदालतों का काम टेप रिकॉर्डर जैसा नहीं', CJI चंद्रचूड़ ने बताया गवाह मुकर जाए तो क्‍या करें?

पीठ ने कहा, 'सच्चाई तक पहुंचना और न्याय प्रदान करना अदालत का कर्तव्य है. उन्हें सुनवाई में सहभागी भूमिका निभानी होगी और बयानों को रिकार्ड करने के लिए टेप रिकॉर्डर के तौर पर काम नहीं करना नहीं होगा.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतों को सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए सिर्फ टेप रिकॉर्डर की तरह काम नहीं करना चाहिए, बल्कि सहभागी भूमिका निभानी चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि आपराधिक अपीलों की सुनवाई के दौरान, किसी मुकर चुके गवाह से सरकारी वकील व्यावहारिक रूप से कोई प्रभावी एवं सार्थक जिरह नहीं करते हैं. लोक अभियोजन सेवा एवं न्यायपालिका के बीच संबंधों को आपराधिक न्याय प्रणाली की बुनियाद बताते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि सरकारी वकील आदि के पद पर नियुक्ति जैसे विषयों में राजनीतिक विचार का कोई तत्व नहीं होना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश को न्याय के हित में कार्यवाही की निगरानी करनी होती है और यहां तक कि सरकारी वकील के किसी भी तरह से असावधान या सुस्त होने की स्थिति में अदालत को कार्यवाहियों पर प्रभावी नियंत्रण करना चाहिए, ताकि सच्चाई तक पहुंचा जा सके. सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा पीठ में जस्टिस जे बी पारदीवाला औरजस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.

कोर्ट ने 1995 में अपनी पत्नी की हत्या को लेकर एक व्यक्ति की दोष सिद्धि और उम्र कैद की सजा बरकरार रखते हुए सुनाए गए अपने फैसले में यह टिप्पणी की. पीठ ने शुक्रवार (2 मई) को सुनाए गए अपने फैसले में कहा, 'सच्चाई तक पहुंचना और न्याय प्रदान करना अदालत का कर्तव्य है. अदालतों को सुनवाई में सहभागी भूमिका निभानी होगी और गवाहों के बयानों को रिकार्ड करने के लिए महज टेप रिकॉर्डर के तौर पर काम नहीं करना नहीं होगा.'

कोर्ट ने कहा कि अदालत को अभियोजन एजेंसी के कर्तव्य में लापरवाही और गंभीर चूक के प्रति सचेत रहना होगा. पीठ ने कहा कि जजों से उम्मीद की जाती है कि वह सुनवाई में सक्रियता से भाग लेंगे और सही निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए उपर्युक्त संदर्भ में उन्हें जो कुछ जरूरी लगे, गवाहों से आवश्यक जानकारी निकालेंगे.

कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ किया गया कोई अपराध पूरे समाज के खिलाफ अपराध है और इस तरह की परिस्थितियों में, न तो सरकारी वकील और न ही सुनवाई करने वाली अदालत के न्यायाधीश किसी भी तरह से चूक या असावधानी को वहन कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील जैसे पद पर नियुक्तियां करते समय सरकार को व्यक्ति के केवल उपयुक्त होने पर ध्यान देना चाहिए. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई को आपराधिक न्याय प्रणाली की बुनियाद करार देते हुए पीठ ने कहा, 'लोगों के मन में यह उचित आशंका है कि आपराधिक मुकदमा न तो स्वतंत्र है और न ही निष्पक्ष है क्योंकि सरकार द्वारा नियुक्त वकील इस तरह से मुकदमा चलाते हैं, जहां अभियोजन पक्ष के गवाह अक्सर मुकर जाते हैं.'

कोर्ट ने उल्लेख किया कि समय के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक अपीलों पर सुनवाई करते हुए देखा है कि मुकर चुके गवाह से सरकारी वकील द्वारा व्यावहारिक रूप से कोई प्रभावी और सार्थक जिरह नहीं की जाती है. पीठ ने कहा, 'हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि यह सरकारी वकील का कर्तव्य है कि वह मुकर चुके गवाह से विस्तार से जिरह करें और सच्चाई को स्पष्ट करने का प्रयास करें और यह भी स्थापित करें कि गवाह झूठ बोल रहा है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत पुलिस को दिए अपने बयान से जानबूझकर मुकर गया है.'

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय के मई 2014 के फैसले को चुनौती देने वाली दोषी की अपील पर विचार कर रही थी, जिसने अधीनस्थ अदालत द्वारा उसे सुनाई गई उम्र कैद की सजा की पुष्टि की थी.

यह भी पढ़ें:-
Hemant Soren News: हेमंत सोरेन की ED के अरेस्ट को चुनौती देने वाली याचिका HC से खारिज, अब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'भारत ने बना लिया है एक और SAARC', शहबाज सरकार से भड़ककर बोले पाक एक्सपर्ट- देख लो, कुछ होश है...
'भारत ने बना लिया है एक और SAARC', शहबाज सरकार से भड़ककर बोले पाक एक्सपर्ट- देख लो, कुछ होश है...
India-Pakistan मैच के दिन 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का आरोप, चल गया बुलडोजर
India-Pakistan मैच के दिन 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का आरोप, चल गया बुलडोजर
दुनिया के इस इस्लामिक देश में 40 सालों बाद पहली बार हुई जनगणना! जनसंख्या जान चौंक जाएंगे
दुनिया के इस इस्लामिक देश में 40 सालों बाद पहली बार हुई जनगणना! जनसंख्या जान चौंक जाएंगे
IND vs PAK: 'हमारी मदद MS Dhoni भी नहीं कर सकते...', अब पूर्व पाकिस्तानी वीमेंस टीम की कप्तान ने निकाली भड़ास
'हमारी मदद MS Dhoni भी नहीं कर सकते...', अब पूर्व पाकिस्तानी वीमेंस टीम की कप्तान ने निकाली भड़ास
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sajjan Kumar New: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा | ABP NEWSMahakumbh 2025: प्रयागराज में बालसन चौराहे पर लगा भीषण जाम, लगातार बढ़ रही भीड़ | ABP NEWSMahakumbh 2025: CM Yogi का विरोधियों पर हमला- जो पहले महाकुंभ का उपहास उड़ाते थे, वो भी स्नान कर आए | ABP NEWSPunjab News: पंजाब में बुल्डोजर एक्शन पर क्या बोली कांग्रेस और AAP? देखिए | Bhagwant Mann |ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'भारत ने बना लिया है एक और SAARC', शहबाज सरकार से भड़ककर बोले पाक एक्सपर्ट- देख लो, कुछ होश है...
'भारत ने बना लिया है एक और SAARC', शहबाज सरकार से भड़ककर बोले पाक एक्सपर्ट- देख लो, कुछ होश है...
India-Pakistan मैच के दिन 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का आरोप, चल गया बुलडोजर
India-Pakistan मैच के दिन 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का आरोप, चल गया बुलडोजर
दुनिया के इस इस्लामिक देश में 40 सालों बाद पहली बार हुई जनगणना! जनसंख्या जान चौंक जाएंगे
दुनिया के इस इस्लामिक देश में 40 सालों बाद पहली बार हुई जनगणना! जनसंख्या जान चौंक जाएंगे
IND vs PAK: 'हमारी मदद MS Dhoni भी नहीं कर सकते...', अब पूर्व पाकिस्तानी वीमेंस टीम की कप्तान ने निकाली भड़ास
'हमारी मदद MS Dhoni भी नहीं कर सकते...', अब पूर्व पाकिस्तानी वीमेंस टीम की कप्तान ने निकाली भड़ास
30 साल की मराठी एक्ट्रेस से चल रहा है गोविंदा का अफेयर, शादी के 37 साल बाद लेंगे पत्नी से तलाक?
30 साल की मराठी एक्ट्रेस से चल रहा है गोविंदा का अफेयर, पत्नी से लेंगे तलाक?
हार्ट अटैक के खतरे कम करने को लेकर आम हैं ये मिथ, जान लीजिए क्या है सच
हार्ट अटैक के खतरे कम करने को लेकर आम हैं ये मिथ, जान लीजिए क्या है सच
इन 8 शहरों में 10 फीसदी महंगे हो गए घर, रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर रहा टॉप पर
इन 8 शहरों में 10 फीसदी महंगे हो गए घर, रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर रहा टॉप पर
Assistant Professor Jobs 2025: इस दिन से शुरू हो रही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती, जानें कौन कर सकेगा अप्लाई
इस दिन से शुरू हो रही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती, जानें कौन कर सकेगा अप्लाई
Embed widget