Supreme Court: अब वॉट्सएप पर मिलेगी मुकदमों की जानकारी, CJI चंद्रचूड़ का बड़ा ऐलान
Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट अब वकीलों के साथ लिस्टेड मामलों से संबंधित जानकारी व्हाट्सएप पर साझा करेगा. यह सुविधा शुरू करते हुए सीजेआई ने कहा कि यह कामकाज के तरीके में व्यापक बदलाव लेकर आएगा.
Supreme Court Case Details On WhatsApp: तकनीक का हाथ पड़कर तेजी से विकसित होती दुनिया के साथ भारत का सुप्रीम कोर्ट भी कदमताल करने लगा है. आज कल कम्युनिकेशन का मुख्य जरिया बन चुके व्हाट्सएप पर अब केस डिटेल्स भी शेयर किए जाएंगे.
'लाइव लॉ' की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट अब वकीलों के साथ वाद सूची (Case List) और लिस्टेड मामलों से जुड़ी जानकारी व्हाट्सएप पर साझा करेगा. यह ऐलान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने किया है.
सीजेआई ने इस बदलाव को 'बिग बैंग' की तरह प्रभावी होने वाला करार दिया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया और बताया कि इस नंबर पर कोई कॉल नहीं की जा सकेगी और संदेश नहीं भेजा जा सकेगा. सीजेआई ने सुविधा शुरू करते हुए कहा कि यह कामकाज के तरीके में व्यापक बदलाव लेकर आएगा और इससे बड़े पैमाने पर कागजों की भी बचत होगी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किया ऐलान
सीजेआई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पूछा गया कि क्या किसी की निजी संपत्ति को संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत समाज का भौतिक संसाधन माना जा सकता है या नहीं? सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि '75वें साल में सुप्रीम कोर्ट ने यह अभियान (व्हाट्सएप पर मामलों की जानकारी शेयर करना) शुरू किया है. इसके तहत सभी को न्याय को सुलभ मुहैया कराने के लिए व्हाट्सएप को सुप्रीम कोर्ट की आईटी सेवाओं के साथ सिंक्रोनाइज किया जाएगा.' अब वकीलों को वाद सूची और सूचीबद्ध मामलों की जानकारी व्हाट्सएप पर ही मिलेगी. वाद सूची में किसी तय दिन सुने जाने वाले मामलों की जानकारी दी जाती है.
सॉलीसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खुशी जताई और कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है. अभी तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाले मामलों के बारे में एसएमएस के जरिए जानकारी मिलती रही है. हालांकि, कागजों पर भी इनका रिकॉर्ड रखा जाता था. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया गया है और कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे न्यायपालिका के कामकाज की कागजों पर निर्भरता कम हुई है. केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत सात हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.
ये भी पढ़ें: Lok Sabha Elections: 'खुद पर आई तो राजीव गांधी ने खत्म कर दिया था विरासत टैक्स’, PM मोदी का कांग्रेस पर वार