CJI Justice DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने देशभर की बार काउंसिल और बार एसोसिएशंस में महिलाओं की कम भागीदारी पर गहरी चिंता जताई है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि भले ही पिछले सालों में महिला अधिवक्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई हो लेकिन उनकी (महिला वकील) संघों में उतनी मौजूदगी नहीं दिख रही है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में भी एक महिला पदाधिकारी नहीं है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 3 दिवसीय शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर चिंता जाहिर कि महिला वकीलों की संख्या बढ़ोतरी के बाद भी उनकी भागीदारी निर्वाचित बार काउंसिल और बार एसोसिएशन में अभी तक नहीं बढ़ी है. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति में भी सिर्फ एक महिला मैंबर थी.
सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशंस में महिला वकीलों के प्रधिनिधित्व की कमी होने पर कहा कि इनमें उनके चुनाव के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं हैं. इस कारण से यह बार काउंसिल और बार एसोसिएशंस 'ओल्ड ब्यॉज क्लब' बने हुए हैं.
'संख्या होने के बाद महिलाएं नहीं लड़ रहीं चुनाव'
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि पिछले सालों में महिला वकीलों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में उनके चुनाव लड़ने में अब कोई औपचारिक बाधा नहीं है. बावजूद इसके ज्यादा से ज्यादा महिलाएं चुनाव नहीं लड़ रही हैं और क्यों नहीं जीत पा रही हैं, यह सवाल उठाना वाजिब है.
महिला वकीलों को चुनावों में भाग लेने का किया आह्वान
उन्होंने महिला वकीलों का आह्वान करते हुए यह भी कहा कि उनको इन सभी चुनावों में आगे आकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर जिम्मेदारी वाले पदों पर बैठना चाहिए. सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने साल 2021 एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया जिसमें 21 राज्यों और यूटी प्रदेशों की बार काउंसिलों में सिर्फ 2.04 फीसदी निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की भागादारी देखी गई.