CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार (20 मार्च) को कहा क‍ि हम आम नागर‍िकों के ल‍िए हमेशा से मौजूद हैं. सुप्रीम कोर्ट हमेशा से आम लोगों के ल‍िए मौजूद रहा है चाहे उनकी संपत्त‍ि, सामाज‍िक स्‍तर, जात‍ि, धर्म, ल‍िंग से जुड़ा मामला हो या फ‍िर कोई पॉवर में हो, अदालत के ल‍िए कोई भी मामला छोटा नहीं होता है. इस तरह का मैसेज मैं सभी को देना चाहता हूं. 


एनडीटीवी को द‍िए एक इंटरव्‍यू के दौरान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि कभी-कभी मुझे आधी रात के वक्‍त भी ई-मेल र‍िसीव होते हैं. उन्‍होंने इस तरह के एक मामले का ज‍िक्र करते हुए कहा क‍ि एक बार एक महिला की ओर से चिकित्सकीय गर्भपात की जरूरत महसूस करने को ई मेल क‍िया गया था ज‍िस पर मेरे स्टाफ की ओर से मुझसे संपर्क किया गया. इस पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए अगले दिन एक बेंच का गठन किया गया. 


'सभी के साथ करते हैं समान व्यवहार'


देश भर में पुरुषों और महिलाओं की सुप्रीम कोर्ट समेत न्यायपालिका के हर स्तर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए टेक्‍नोलॉजी के उपयोग पर केंद्रित एक व्यापक चर्चा के दौरान मुख्‍य न्‍यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा क‍ि हम सभी के लिए हमेशा मौजूद हैं क्‍योंक‍ि हमारे ल‍िए कोई मामला छोटा नहीं होता है. हम सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं. हमारा मकसद आम लोगों के साथ खड़ा रहना है.  


'सभी संजीदा मामलों पर कोर्ट्स देता है गंभीरता से ध्यान' 


मुख्य न्यायाधीश ने कई ऐसे संवेदनशील मामलों का भी ज‍िक्र करते हुए कहा, ''किसी का घर तोड़ा द‍िया गया, किसी को उसके घर से बाहर निकाल दिया, किसी को सरेंडर करना है लेकिन वो बीमार है... इन तरह के सभी संजीदा मामलों पर कोर्ट्स गंभीरता से ध्यान देती हैं.'' 


'सत्ता में कोई भी हो, हमें आम लोगों की च‍िंत‍ाएं' 


सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस बात पर भी बल द‍िया क‍ि इस वास्‍तव‍िकता से भी वो अवगत हैं क‍ि चाहे सत्ता में कोई भी हो, हमें आम लोगों की च‍िंत‍ाएं रहती हैं और कानून की रक्षा के ल‍िए न्‍यायपाल‍िका सबसे बड़ी है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों की कार्रवाई भारत के संविधान के समग्र ढांचे का एक अभिन्न अंग है और इसे महत्वपूर्ण वैधता प्रदान करती है. 


'आम नागरिक समस्या होने पर सबसे पहले जाता है ड‍िस्‍ट्र‍िक्‍ट कोर्ट' 


मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा क‍ि इस पर गौर करने की जरूरत है क‍ि जब हम जिला-स्तरीय कोर्ट्स को मजबूत करते हैं तो हम लोगों के साथ संबंध भी मजबूत करते हैं. उन्‍होंने यह भी कहा कि अगर एक आम नागरिक को कोई समस्या होती है तो वो सबसे पहले ड‍िस्‍ट्र‍िक्‍ट कोर्ट में जाता है. उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि इसल‍िए हाल ही में उन्‍होंने गुजरात के कच्छ में हाल ही में आयोज‍ित एक सम्‍मेलन में करीब 150 जजों से मुलाकात की थी. 


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